नेट निरपेक्षता पर Facebook ने डेवलपरों के लिए शुरू किया Internet.org कहा, पूरा इंटरनेट फ्री करना अव्यवहारिक
नयी दिल्ली : नेट निष्पक्षता की बहस में आलोचनाओं का शिकार रही फेसबुक ने आज अपने इंटरनेटडाटऑर्ग मंच को हर तरह की सामग्री और ऐप्लिकेशन का विकास करने वालों के लिए खोल दिया है बशर्ते वे उसके कुछ दिशानिर्देशों के अनुरुप हों. हालांकि रिलायंस कम्यूनिकेशंस अब भी भारत में फेसबुक की इस सेवा के साथ […]
नयी दिल्ली : नेट निष्पक्षता की बहस में आलोचनाओं का शिकार रही फेसबुक ने आज अपने इंटरनेटडाटऑर्ग मंच को हर तरह की सामग्री और ऐप्लिकेशन का विकास करने वालों के लिए खोल दिया है बशर्ते वे उसके कुछ दिशानिर्देशों के अनुरुप हों. हालांकि रिलायंस कम्यूनिकेशंस अब भी भारत में फेसबुक की इस सेवा के साथ भागीदारी करने वाली एकमात्र भारतीय दूसरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी है. इधर फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि पूरा इंटरनेट मुफ्त करना कहीं से भी व्यवहारिक नहीं है.
क्लियरट्रिप और एनडीटीवी ने अपने को इस मंच से अलग कर लिया है. इंटरनेट डाट ऑर्ग के उपाध्यक्ष (उत्पाद) क्रिस डैनियल्स ने कहा ‘यह मंच ऐसे सभी डेवलपरों के लिए खुलेगा जो कुछ दिशानिर्देश का अनुपालन करते हैं और जिनकी सामग्री फीचर-फोन तथा स्मार्टफोन दोनों के जरिए और सीमित बैंडविड्थ के सहारे सर्फ की जा सके.’ यह पहल देश में नेट निष्पक्षता पर चल रही बहस के बीच हुई है जिसके तहत सभी इंटरनेट पर हर प्रकार की सामग्री को बराबरी का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है.
इस सिद्धांत के तहत किसी भी इकाई या कंपनी को दूरसंचार सेवा कंपनियों को भुगतान के आधार पर कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. भारत में इंटरनेट डाट ऑर्ग ने इस साल फरवरी में रिलायंस कम्यूनिकेशंस के साथ भागीदारी की. इसमें 33 वेबसाइटों में मुफ्त प्रवेश की सुविधा दी गयी. इससे एक नयी बहस छिडी क्योंकि मुक्त इंटरनेट के समर्थकों ने कहा कि यह पेशकश नेट निष्पक्षता की अवधारणा के खिलाफ है. इस बहस के छिडने के बाद क्लियरट्रिप जैसे इस सेवा के भागीदार इससे बाहर निकल गए.
पूरा इंटरनेट मुफ्त में उपलब्ध कराना व्यावहारिक नहीं : जुकरबर्ग
नेट निरपेक्षता को लेकर जारी बहस के बीच फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि पूरे इंटरनेट को मुफ्त में उपलब्ध कराना टिकाउ नहीं है. हालांकि, इंटरनेट. ओआरजी प्लेटफार्म के लिए मूल सेवाएं बिना किसी लागत के देना संभव है. फेसबुक ने यह भी कहा है कि इंटरनेट.ओआरजी निश्चित दिशानिर्देशों को पूरा करने वाले सभी कंटेट व एप्लिकेशंस डेवलपर्स के लिए खुला है.
मुफ्त इंटरनेट की वकालत करने वाले लोगों का कहना है कि सोशल नेटवर्किंग साइटों द्वारा नेट निरपेक्षता के सिद्धान्त का उल्लंघन किया जा रहा है. भारत में नेट निरपेक्षता को लेकर बहस ने एयरटेल द्वारा मुक्त मार्केटिंग प्लेटफार्म ‘एयरटेल जीरो’ की पेशकश के बाद जोर पकडा. इसमें डेटा शुल्क एप्लिकेशंस डेवलपर्स को उठाना होगा. फेसबुक ने इंटरनेट.ओआरजी की भारत में पहल के लिए रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ गठजोड किया है. वह भी 33 वेबसाइट्स पर नि:शुल्क पहुंच की सुविधा उपलब्ध कराती है.
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