नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कारोबार करने को आसान बनाने तथा ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को गति देने के लिये विभिन्न श्रम कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव के खिलाफ ट्रेड यूनियनें देश भर में विरोध प्रदर्शन और हडताल पर जाने की योजना बना रही हैं. केंद्रीय ट्रेड यूनियन श्रम कानून को कथित रूप से हल्का करने को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बारे में 26 मई को सम्मेलन में निर्णय करेंगी.
भाजपा समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने कहा, ‘हम (केंद्रीय यूनियन) सरकार के श्रम कानून को हल्का करने के कदम के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे और इसके खिलाफ हडताल के बारे में निर्णय 26 मई को होने वाले सम्मेलन में किया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘हमने मौजूदा श्रम कानूनों में संशोधन के लिये विधेयक पर चर्चा के दौरान कई कर्मचारी विरोधी संशोधन के खिलाफ आपत्ति जतायी और सरकार को कई पत्र लिखे. लेकिन वे अपना रास्ता बदलने के लिये तैयार नहीं हैं.’ उपाध्याय ने यह भी सूचित किया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियन 10 सूत्री एजेंडे पर भी चर्चा करेगी जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, कर्मचारियों के लिये सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवर तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश जैसे सरकार के कदम शामिल हैं.
सम्मेलन में बीएमएस के अलावा इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा, सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स, आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन्स, ट्रेड यूनियन कार्डिनेशन कमेटी, यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस, सेल्फ इंप्लायड वुमेन्स एसोसिएशन आफ इंडिया तथा लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन इसमें शामिल होंगे.
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