चुनौती के बावजूद 2014-15 के वित्त वर्ष में लक्ष्य से थोडा ही कम रहा सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह

नयी दिल्ली : आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों के बावजूद प्रत्यक्ष कर संग्रह 2014-15 में 6,96,200 करोड रुपये पहुंच गया जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक और इस वर्ष 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से थोडा ही कम है. आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आर्थिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2015 5:37 PM

नयी दिल्ली : आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों के बावजूद प्रत्यक्ष कर संग्रह 2014-15 में 6,96,200 करोड रुपये पहुंच गया जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक और इस वर्ष 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से थोडा ही कम है.

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आर्थिक चुनौतियों के बावजूद कर संग्रह लक्ष्य के करीब रहा. यह लक्ष्य से मात्र 1.26 प्रतिशत कम रहा न कि 14 प्रतिशत जैसा कि पूर्व में कहा गया था. अधिकारी के अनुसार अभी कर संग्रह का अंतिम हिसाब किताब चल रहा है और यह काम पूरा होने पर वसूली में कमी और भी सीमित हो सकती है.
पिछले वित्त वर्ष में कर संग्रह का संशोधित लक्ष्य घटा कर 7,05,000 करोड रुपये कर दिया गया था. इस तरह वसूली करीब 9,000 करोड रुपये कम रही है. पर यह 2013-14 के मुकाबले 19 प्रतिशत अधिक है. 2013-14 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 5,83,000 करोड रुपये था.
सरकार ने धीमी आर्थिक वृद्धि को देखते हुए वित्त वर्ष 2014-15 में प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य को संशोधित कर 7,05,000 करोड रुपये कर दिया था जबकि शुरु में अनुमान 7,36,000 करोड रुपये लगाया गया था.
अधिकारी के अनुसार, खासकर सेवा क्षेत्र में धीमी वृद्धि और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) श्रेणी में कमजोर वृद्धि से प्रत्यक्ष कर संग्रह कम रहा. इन चुनौतियों के बावजूद विभाग जितना अच्छा कर सकता था, किया. उन्होंने कहा कि कर विभाग ने सबसे महत्वपूर्ण टीडीएस में केवल 8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसमें 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
अधिकारी के अनुसार, विभाग ने यथासंभव विभिन्न क्षेत्रों से टीडीएस प्राप्त करने की कोशिश की. विनिर्माण क्षेत्र तथा भवन निर्माण में नरमी से आयकर विभाग के लिये इस मोर्चे पर अच्छा राजस्व प्राप्त करना असंभव हो गया.

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