एफआइपीबी अब 3,000 करोड रुपये तक के विदेशी निवेश प्रस्तावों की कर सकता है सिफारिश
नयी दिल्ली : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की मंजूरी प्रक्रिया को तेज करने के मकसद से सरकार ने आज विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआइपीबी) के अधिकार बढा दिये. अब एफआइपीबी 3,000 करोड रुपये तक के विदेशी निवेश प्रस्तावों की मंजूरी की सिफारिश कर सकता है. अभी तक यह सीमा 1,200 करोड रुपये थी. एफआइपीबी की […]
नयी दिल्ली : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की मंजूरी प्रक्रिया को तेज करने के मकसद से सरकार ने आज विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआइपीबी) के अधिकार बढा दिये. अब एफआइपीबी 3,000 करोड रुपये तक के विदेशी निवेश प्रस्तावों की मंजूरी की सिफारिश कर सकता है. अभी तक यह सीमा 1,200 करोड रुपये थी.
एफआइपीबी की सिफारिश वाले प्रस्तावों को वित्त मंत्री मंजूर करते हैं. 3,000 करोड रुपये की सीमा से अधिक के किसी भी प्रस्ताव को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (एफआइपीबी) को भेजा जाएगा. इससे पहले तक एफआइपीबी को सिर्फ 1,200 करोड रुपये तक के एफडीआइ प्रस्तावों पर ही सिफारिश करने का अधिकार था.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब एफआइपीबी 3,000 करोड रुपये तक की विदेशी इक्विटी प्रवाह के प्रस्ताव की मंजूरी की सिफारिश वित्त मंत्री के पास भेज सकता है. 3,000 करोड रुपये से अधिक के प्रस्ताव को विचार के लिए सीसीइए के पास भेजा जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीइए की बैठक के बाद यह बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि इस फैसले से मंजूरी प्रक्रिया तेज होगी और इससे विदेशी निवेश का प्रवाह बढाने में मदद मिलेगी. एफआइपीबी एक अंतर मंत्रालयी निकाय है जिसके अध्यक्ष आर्थिक मामलों के सचिव होते हैं.
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