माल्या जांच रिपोर्ट मामले में यूनाइटेड स्प्रिट्स ने बीएसई को भी सूचना देने से किया मना

नयी दिल्ली : यूनाइटेड स्प्रिट्स ने यूबी समूह की कंपनियों को कथित रूप से कोष स्थानांतरण मामले में अपनी जांच रिपोर्ट बंबई शेयर बाजार )(बीएसइ) के साथ साझा करने से इनकार कर दिया है. इससे पहले, कंपनी नेशनल स्टाक एक्सचेंज की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग ठुकरा चुकी है. कंपनी के निदेशक मंडल और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 9:03 AM

नयी दिल्ली : यूनाइटेड स्प्रिट्स ने यूबी समूह की कंपनियों को कथित रूप से कोष स्थानांतरण मामले में अपनी जांच रिपोर्ट बंबई शेयर बाजार )(बीएसइ) के साथ साझा करने से इनकार कर दिया है. इससे पहले, कंपनी नेशनल स्टाक एक्सचेंज की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग ठुकरा चुकी है. कंपनी के निदेशक मंडल और उसके चेयरमैन विजय माल्या के बीच विवाद चल रहा है.

बीएसइ को भेजे जवाब में डिआजिओ के स्वामित्च वाली यूनाइटेड स्प्रट्सि लिमिटेड (यूएसएल) ने बंबई शेयर बाजार से कहा है कि वह वह इस स्थिति में नहीं है कि आतंरिक रिपोर्ट उसे उपलब्ध कराये जिसकी वजह इसकी गोपनीयता एवं अन्य चीजें हैं. कंपनी ने इसी प्रकार का जवाब कल एनएसइ को भेजा था.

बीएसइ ने यूएसएल से 25 अप्रैल को की गयी घोषणा के संदर्भ में यूएसएल से स्पष्टीकरण मांगा था. उस घोषणा में कंपनी ने कहा था कि यूबी समूह की किंगफिशर समेत अन्य कंपनियों में कथित रूप से कोष स्थानांतरण को लेकर माल्या में उसका विश्वास खत्म हो गया है और उनसे चेयरमैन और निदेशक का पद छोडने को कहा गया है.

माल्या ने पद छोडने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया और सभी आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना है कि केवल शेयरधारक के पास ही उन्हें हटाये जाने की मांग का अधिकार है और बहुलांश हिससेदार डिआजिओ के पास उनके पद का समर्थन करने के लिये कुछ ‘अनंबंधात्मक बाध्यताएं’ हैं.

इस मामले की पूंजी बाजार नियामक सेबी तथा शेयर बाजार समेत कई एजेंसियों जांच कर रही हैं. अपनी जांच के सिलसिले में ही एनएसइ और बीएसइ ने यूएसएल से उसकी आंतरिक जांच के संदर्भ में ब्योरा मांगा था. कंपनी के दोनों एक्सचेंजों द्वारा मांगी गयी जानकारी देने से मना करने से यूएसएल मामले में एक नया मोड आ गया है.

कंपनी में जहां डिआजिओ की करीब 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है वहीं माल्या के यूबी समूह की हिस्सेदारी करीब 4 प्रतिशत है. यूएसएल ने अपने जवाब में कहा है कि आंतरिक रिपोर्ट में कंपनी से संबंधित संवेदनशील वाणिज्य एवं परिचालन संबंधी सूचना है.

ऐसे में इन सूचनाओं के सार्वजनिक होने से कंपनी के प्रतिस्पर्धी इकाइयों तथा तीसरे पक्ष तक इस प्रकार की सूचना पहुंचेगी जो कंपनी तथा उसके शेयरधारकों के हित में नहीं है.

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