लघु एवं मध्यम उपक्रमों की फार्मा क्षेत्र की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका होगी : रपट

मुंबई : लघु एवं मध्यम उपक्रमों :एसएमई: देश के फार्मा क्षेत्र की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि वे करीब 35,000 करोड़ रपये के कारोबार के साथ उत्पादन के लिहाज से उद्योग में 35-40 प्रतिशत का योगदान करते हैं.भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम रपट 2013 में यहां कहा गया ‘‘लघु एवं मध्यम उपक्रमों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2013 11:49 AM

मुंबई : लघु एवं मध्यम उपक्रमों :एसएमई: देश के फार्मा क्षेत्र की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि वे करीब 35,000 करोड़ रपये के कारोबार के साथ उत्पादन के लिहाज से उद्योग में 35-40 प्रतिशत का योगदान करते हैं.भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम रपट 2013 में यहां कहा गया ‘‘लघु एवं मध्यम उपक्रमों ने भारत के फार्मा उद्योग की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इस क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा है.’’

रपट में कहा गया ‘‘भारतीय फार्मा उद्योग बेहद बंटा हुआ है और एसएमई खंड में 9,456 इकाइयां हैं आकार के लिहाज से इसका योगदान 87 प्रतिशत जबकि मूल्य के लिहाज से इसका 40 प्रतिशत योगदान है.’’

भारत से फार्मा उत्पादों निर्यात 2012-13 तक सालाना 21.25 प्रतिशत की दर की बढ़कर 8.7 अरब डालर हो गया जो 2006-07 में 6.23 अरब था। वाणिज्य मंत्रलय भारतीय फार्मा क्षेत्र के निर्यात के संबंध में 2014 तक सालाना 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 25 अरब डालर का लक्ष्य रखा है.

रपट में कहा गया कि इकाइयों की संख्या और रोजगार के मौके प्रदान करने के लिहाज से लघु एवं मध्यम उपक्रम खंड अग्रणी है. ये खंड देश के फार्मा निर्यात में 48 प्रतिशत का योगदान करता है.

देश का फार्मा क्षेत्र अपनी शक्ति एसएमई क्षेत्र से ग्रहण करता है क्योंकि यह बड़ी कंपनियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला का आवश्यक हिस्सा है.

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