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दिल्‍ली में रहने वालों से पर्यावरण मुआवजा वसूलेगा NGT

नयी दिल्लीः दिल्ली में रहने वाले को अब एक अलग मुआवजा देना होगा. युमना में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण करने के उदेश्य से नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) ने एक नया कदम उठाया है. इसके तहत अब घरों से निकलने वाले सीवेज पर 100 रुपये का पर्यावरण मुआवजा देना होगा. प्रॉपटी टैक्स, पानी, बिजली में बढोत्तरी […]

नयी दिल्लीः दिल्ली में रहने वाले को अब एक अलग मुआवजा देना होगा. युमना में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण करने के उदेश्य से नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) ने एक नया कदम उठाया है. इसके तहत अब घरों से निकलने वाले सीवेज पर 100 रुपये का पर्यावरण मुआवजा देना होगा. प्रॉपटी टैक्स, पानी, बिजली में बढोत्तरी पर उसके बराबर का पर्यावऱण मुआवजा देना होगा.

एनजीटी ने यहां तक कहा है कि जो लोग अनधिकृत कॉलोनी में रहते हैं या फिर वैसे लोग जो पानी का बिल नहीं देते उन्हें भी 100 से लेकर 500 रुपये तक का पर्यावरण मुआवजा देना होगा. एनजीटी इस तरह के नियम को लागू करके यमुना में बढ़ रहे प्रदुषण पर नियंत्रण की कोशिश करेगी. इसके अलावा यमुना में प्रदुषण फैलाने वाले लोगों के लिए मुआवजे की रकम तय की गयी है.
एनजीटी ने दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) व तीनों नगर निगमों (पूर्वी, उत्तरी व दक्षिणी), कैंटोनमेंट बोर्ड, बिजली कंपनियों को निर्देश देते हुए कहा है प्रदूषक भुगतान सिद्धांत के तहत दिल्ली की सीमा में रहने वाले सभी लोगों से पर्यावरण मुआवजा वसूल करें. एनजीटी ने यह साफ कर दिया कि मुआवजा सभी लोगों से लिया जायेगा, चाहे उनके घरों में सीवर हो या फिर अवैध कॉलोनी में रहते हों.
यह मुआवजा दिल्ली सरकार के पास जमा कराया जायेगा. डीजेबी को ‘मैली से निर्मल यमुना रिवाइटलाइजेशन प्लान 2017’ के तहत पर्यावरण मुआवजे पर 45 दिन के भीतर कार्ययोजना बनाकर एनजीटी में जमा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह साफ किया कि इस योजना के लिए समयसीमा नहीं बढ़ायी जा सकती है इसलिए तय वक्त में तेजी से काम करना होगा. यमुना में कुल प्रदूषण का 76 फीसद दिल्ली से उत्पन्न होता है. इस कदम से बढ़ते प्रदुषण पर नियंत्रण में मदद मिलेगी.

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