उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर कैग ने की खिंचाई
नयी दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकाम) तथा एयरटेल सहित अन्य कंपनियों द्वारा नियमों के उल्लंघन मामले में समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए दूरसंचार विभाग की सतर्कता शाखा की खिंचाई की है. कैग ने एक रपट में कहा है कि आरकाम ने विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन […]
नयी दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकाम) तथा एयरटेल सहित अन्य कंपनियों द्वारा नियमों के उल्लंघन मामले में समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए दूरसंचार विभाग की सतर्कता शाखा की खिंचाई की है. कैग ने एक रपट में कहा है कि आरकाम ने विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए दिल्ली में जीएसएम सेवाएं शुरू कीं जबकि एयरटेल एक कंपनी की वैधता का सत्यापन किये बिना ही उसे लीज लाइन देती हुई पाई गई.
आरकाम व एयरटेल ने हालांकि इस बारे में सवालों पर टिप्पणी से इनकार किया है. कैग ने दूरसंचार प्रवर्तन, रिसोर्स एंड मानिटरिंग (टीइआरएम) प्रकोष्ठ की 2013 में सहगल इन्फोटैक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए भी आलोचना की है. आरोप है कि यह कंपनी 2009 से ही ‘अनाधिकृत’ अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर चला रही थी.
इसी तरह प्रकोष्ठ ने घरेलू कालसेंटर कंपनी स्पांको बीपीओ सर्विसेज के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की जो कि पंजीकरण की अवधि समाप्त होने के बाद भी परिचालन करती रही. कैग की रपट के अनुसार आरकाम ने दूरसंचार विभाग के कुछ दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए फरवरी 2009 में दिल्ली एनसीआर में जीएसएम मोबाइल सेवा शुरू की.
कंपनी ने यह सेवा शुरू करने से पहले अपने नेटवर्क पर काल और संदेशों को कानून सम्मत तरीके से बीच में रोकने और उनके अनुश्रवण (एनआइएम) क्षमता को अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शित नहीं किया था जो इस बाबत मई 2008 से दूरसंचार विभाग के निर्देश के खिलाफ था.
कैग ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर बात बताया है. इसके बावजूद टीइएआरएम दिल्ली प्रकोष्ठने दो साल बाद नवंबर 2011 में कंपनी को इस बारे में आवश्यक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने को कहा है औरी उससे लाइसेंस की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में कोई सफाई नहीं मांगी.
आरसीएल ने मार्च 2012 में वह प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं किये जाने के संबंध में टीइआरएम सेल का जवाब था कि विभाग के आदेश में दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान नहीं है. इसी तरह एयरटेल ने अदर सर्विस प्रोवाइडर (ओएसपी) अल्फा फाइट को संसाधन उपलब्ध कराये जबकि उक्त कंपनी ने टीइआरएम प्रकोष्ठ में पंजीकरण ही नहीं कराया था.
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