HSBC ने भारतीय बाजारों की रेटिंग घटाकर कर दिया ”अंडरवेट”

नयी दिल्‍ली : एचएसबीसी ने पहली बार भारत की रेटिंग घाटाकर ओवरवेट से अंडरवेट कर दिया है. मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद से एचएसबीसी ने भारतीय बाजारों पर काफी भरोसा दिखाया था. सुधारों की उम्‍मीद से भारतीय बाजार भी पिछले आठ-दस महीनों में काफी आगे बढे. हालांकि मंगलवार को जारी गुद्रास्‍फीति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 3:16 PM

नयी दिल्‍ली : एचएसबीसी ने पहली बार भारत की रेटिंग घाटाकर ओवरवेट से अंडरवेट कर दिया है. मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद से एचएसबीसी ने भारतीय बाजारों पर काफी भरोसा दिखाया था. सुधारों की उम्‍मीद से भारतीय बाजार भी पिछले आठ-दस महीनों में काफी आगे बढे.

हालांकि मंगलवार को जारी गुद्रास्‍फीति के आंकड़ों में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की मजबूती के संकेत मिले हैं. महंगाई भी काबू में दर्शायी गयी है. इसके बावजूद भी भारतीय बाजारों पर एचएसबीसी ने भरोसा नहीं दिखाया. विशेषज्ञों की मानें तो कंपनियों के कमजोर नतीजें और बेमौसम बरसात की मार के कारण एचएसबीसी ने ऐसा किया है.

देखा जाए तो एचएसबीसी का एशिया में भारत में ही सबसे ज्‍यादा निवेश है, इसके बावजूद उसने भारतीय बाजार को अंडरवेट रेटिंग में रखा है. एचएसबीसी का कहना है कि कंपनियों के नतीजे कमजोर हैं और दरें घटने की गुंजाइश कम है. नतीजे बेहतर होने की उम्मीद कम हो रही है.

कैपेक्स में रिकवरी के अब तक कोई संकेत नहीं हैं. एचएसबीसी ने चीन और सिंगापुर के बाजार पर ओवरवेट रेटिंग कायम रखी है. एचएसबीसी के मुताबिक चीन में स्टिमुलस से कमोडिटी में तेजी आएगी और चीन में दरें घटना भारत के लिए निगेटिव होगा. साथ ही अल-नीनो का भारत पर निगेटिव असर हो सकता है.

नतीजों के ताजा आंकड़ों और रिजर्व बैंक की ओर से मुख्‍य दरों में कटौती के बाद हो सकता है एचबीसी भारतीय बाजारों की साख सुधारे.

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