ब्लैक मनी रखने वालों की होगी शामत, काला धन विधेयक को मिली संसद की मंजूरी
नयी दिल्ली : विदेशों में काला धन रखने वाले लोगों को 10 साल तक की सजा एवं 120 प्रतिशत तक कर वसूलने सहित कठोर प्रावधानों वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को आज बजट सत्र के अंतिम दिन संसद की मंजूरी मिल गयी. राज्यसभा ने आज इस मकसद से लये गये काला धन ‘अप्रकटित विदेशी आय और […]
नयी दिल्ली : विदेशों में काला धन रखने वाले लोगों को 10 साल तक की सजा एवं 120 प्रतिशत तक कर वसूलने सहित कठोर प्रावधानों वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को आज बजट सत्र के अंतिम दिन संसद की मंजूरी मिल गयी.
राज्यसभा ने आज इस मकसद से लये गये काला धन ‘अप्रकटित विदेशी आय और आस्ति’ (कर अधिरोपण) विधेयक, 2015 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया. यह विधेयक धन संबंधित विधेयक है. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए काले धन पर लगाम लगाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि यह विधेयक उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि इसमें विदेशों में रखी अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वालों को एक रास्ता प्रदान करने का भी प्रावधान रखा गया है.
उन्होंने इस प्रस्तावित कानून को शीघ्रता से लागू करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसमें देरी से अज्ञात स्थानों पर विदेशों में धन जमा करने वालों को धन स्थानांतरित करने का मौका मिल जायेगा.
जो लोग बेदाग निकलना चाहते हैं, जेटली ने कहा कि उनके लिए अघोषित सम्पत्ति के संबंध में दो हिस्से सुझाए गए हैं. एक कि सम्पत्ति की घोषणा करें और फिर 30 प्रतिशत कर एवं 30 प्रतिशत जुर्माना भरें.
इस बारे में उदाहरण देते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि विदेशों की सम्पत्ति की घोषणा करने के लिए दो महीने का समय हो सकता है और छह महीने में कर तथा जुर्माना भरा जा सकता है.
जेटली ने कहा कि संपत्ति की घोषणा करने वालों को एक रास्ता प्रदान करने की समय सीमा समाप्त होने के बाद अगर कोई व्यक्ति विदेशों में अघोषित सम्पत्ति के साथ पकडा जाता है तब उसे 30 प्रतिशत कर के साथ 90 प्रतिशत जुर्माना और आपराधिक अभियोग का सामना करना पडेगा.
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह काला धन घोषित करने की कोई योजना नही है. जेटली ने कहा कि पहली बार कोई सरकार अज्ञात विदेशी आय पर कर लगाने जा रही है, इसलिए उन्होंने उल्लंघन करने वालों को बेदाग बनने के लिए एक रास्ता प्रदान किया है. इसकी अवधि की अधिसूचना विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अलग से जारी की जायेगी.
विधेयक के कारणों में कहा गया है कि ऐसे लोग निर्दिष्ट कर अधिकारी के समक्ष एक निश्चित समयावधि के भीतर घोषणा दाखिल कर सकते हैं और उसके पश्चात तीस प्रतिशत की दर पर कर का तथा जुर्माने के रुप में उसके बराबर राशि का भुगतान कर सकते हैं. इस विधेयक में प्रावधान है कि इन शर्तों को पूरा करने पर किसी व्यक्ति पर इस प्रस्तावित विधेयक के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाएगा.
विधेयक के अनुसार विदेशी संपत्ति के संबंध में आय छिपाने के लिए कर की राशि की तीन गुना राशि के जुर्माने का भी प्रावधान है. इसमें कहा गया है कि यह उन लोगों के लिए महज एक अवसर है कि वे नये विधेयक के कडे प्रावधानों के प्रभावी होने से पहले कर का भुगतान कर दें.
विधेयक में विदेशी आय के संबंध में कर चोरी का प्रयास करने पर 3 से 10 साल तक की कैद के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है. दूसरी बार अपराध करने पर 3 से 10 साल तक की कैद के साथ 25 लाख रुपये से लेकर एक करोड रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
इससे पहले विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के ई एम एस नचियप्पन ने कहा कि यह विधेयक बहुत कमजोर है और आयकर अधिनियम की धारा 139 का ही विस्तृत रुप है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक की संरचना भी आयकर अधिनियम के आधार पर की गई है. हम उसी अधिनियम की दोबारा नकल कर रहे हैं जो पहले से था. इस प्रकार समस्या का सही तरीके से संबोधित नहीं किया जा रहा है.
नचियप्पन ने कहा कि मौद्रिक शोधन की समस्या के बारे में कोई ठोस समाधान नहीं है और इसमें गवाह की रक्षा के संबंध में कोई बात नहीं कही गई है. उन्होंने कहा कि सरकार को एक मजबूत घरेलू कानून अथवा बेहतर संशोधित विधेयक ले कर आना चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय संकल्पों के अनुरुप हो.
भाजपा के आर के सिन्हा ने विधेयक को भ्रष्टाचार एवं काले धन की समस्या से निजात दिलाने वाला एक सार्थक कदम बताते हुए कहा कि कर चोरी की वजह से काला धन पैदा होता है जो लगभग एक समानांतर अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि जब तक शत प्रतिशत लोगों के बैंक खाते नहीं होंगे और बैंकों के जरिये कारोबार नहीं होगा तथा इसमें पारदर्शिता नहीं होगी तब तक काला धन की समस्या को रोका नहीं जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि जहां से काले धन का सृजन होता है, उस स्रोत को बंद कर दिया जाए तो आधी समस्या का समाधान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कर संग्रहण प्रणाली में ईमानदारी से काम करने वालों को पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए.
सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार की तमाम एजेंसियां हैं और सबके साथ क्या सरकार ने विदेशी बैंकों में जमा काले धन की मात्रा के बारे में जानने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सरकार काला धन तो वापस नहीं ला पाई लेकिन विधेयक जरुर ले आई.