नयी दिल्ली : मुद्रास्फीति लगातार छठे माह शून्य से नीचे बनी रही और अप्रैल माह में यह शून्य से 2.65 प्रतिशत नीचे रही जो इसका एक नया न्यूनतम स्तर है. थोक मुद्रास्फीति में यह गिरावट मुख्य तौर पर ईंधन और विनिर्मित उत्पादों के दामों में गिरावट के कारण है जबकि इस दौरान खाद्य उत्पादों के मूल्य में बढोतरी हुई.
थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2014 से शून्य या इससे नीचे चल रही है. पिछले साल अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति 5.55 प्रतिशत थी. विशेषज्ञों की राय में मुद्रास्फीति का दबाव कम होने से रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनी है.
खुदरा मुद्रास्फीति कम होने के साथ ही औद्योगिक उत्पाद की वृद्धि दर घटी है. मार्च में औद्योगिकी उत्पादन की वृद्धि पांच माह के न्यूनतम स्तर 2.1 प्रतिशत पर रही. मार्च में मुद्रास्फीति शून्य से 2.33 प्रतिशत नीचे, फरवरी में शून्य से 2.17 प्रतिशत नीचे, जनवरी में शून्य से 0.95 प्रतिशत नीचे, दिसंबर में शून्य से 0.50 प्रतिशत और नवंबर में शून्य से 0.17 प्रतिशत नीचे थी.
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