टाटा मोटर्स की निगाह छोटे शहरों पर, पुराने मॉडलों के जरिये सुधार की उम्मीद
नयी दिल्ली : टाटा मोटर्स छोटे शहरों में अपने नेटवर्क के विस्तार पर काम कर रही है. उसकी योजना अपने पुराने मॉडलो के बल पर बिक्री बढाने की है. इसके अलावा कंपनी मोबाइल वर्कशॉप पर भी काम कर रही है ताकि हर दरवाजे पर ग्राहक वाहन सेवा प्रदान की जा सके. यह घरेलू सवारी कार […]
नयी दिल्ली : टाटा मोटर्स छोटे शहरों में अपने नेटवर्क के विस्तार पर काम कर रही है. उसकी योजना अपने पुराने मॉडलो के बल पर बिक्री बढाने की है. इसके अलावा कंपनी मोबाइल वर्कशॉप पर भी काम कर रही है ताकि हर दरवाजे पर ग्राहक वाहन सेवा प्रदान की जा सके. यह घरेलू सवारी कार खंड में हिस्सेदारी खोने के बाद इसे फिर से हासिल करने की नीति का हिस्सा है. कंपनी को चालू वित्त वर्ष के दौरान बिक्री में बेहद अच्छी दहाई अंक की वृद्धि की उम्मीद है.
टाटा मोटर्स चालू वित्त वर्ष में जुलाई के बाद हर दिन एक दुकान खोलने और इसी साल 200 शोरूम खोलने खोलने की योजना बनाई है. यह कंपनी की अगले पांच साल में 1,500 दुकानें खोलने की योजना का हिस्सा है.
टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (सवारी वाहन कारोबार इकाई) मयंक पारीक ने कहा हमें अपना नेटवर्क विस्तार करने और ग्राहकों तक पहुंच बढाने की जरूरत है. हमें फिलहाल 359 शहरों में मौजूद हैं जो पर्याप्त नहीं है.
अगले पांच साल में हमारे पास 1,500 दुकानें होंगी. पारीक ने कहा इस साल हम 200 दुकानें जोडेंगे. जुलाई के बाद हर दिन एक दुकान खोलेंगे. उन्होंने कहा कि इंडिया और इंडिगो जैसे पुराने माडलों की बिक्री बढाने के लिए टाटा मोटर्स छोटे शहरों का फायदा उठा रही है जहां वाणिज्यिक तथा व्यक्तिगत उपयोग के खंड में कोई फर्क नहीं है. उन्होंने कहा हमारा देश इतना बडा है कि इन सब माडलों के लिए बाजार है. हम सिर्फ नए माडलों पर निर्भर नहीं करने वाले. टैक्सी की अवधारणा भारत के सिर्फ 10-12 बडे शहरों में है. आप छोटे शहरों में जाएं तो हमारी कारों की व्यक्तिगत उपयोग खंड में ठीकठाक लोकप्रियता है.
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