सेल का 2025 तक पांच करोड़ टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य – वर्मा
रांची: भारतीय इस्पात प्राधिकरण ने 2025 तक पांच करोड़ टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा है जो देश के कुल इस्पात उत्पादन का सत्रह प्रतिशत होगा. साथ ही उसने अगले तीन वर्षों में अपने उत्पाद को सस्ता रखने के लिए खर्च में कटौती कर पांच हजार करोड़ रुपये की बचत करने की भी योजना बनायी […]
रांची: भारतीय इस्पात प्राधिकरण ने 2025 तक पांच करोड़ टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा है जो देश के कुल इस्पात उत्पादन का सत्रह प्रतिशत होगा. साथ ही उसने अगले तीन वर्षों में अपने उत्पाद को सस्ता रखने के लिए खर्च में कटौती कर पांच हजार करोड़ रुपये की बचत करने की भी योजना बनायी है. भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के अध्यक्ष सी एस वर्मा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात की घोषणा की.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हाल में 2025 के अपने विजन वक्तव्य में भारत में इस्पात का उत्पादन कुल तीस करोड़ टन तक ले जाने की बात कही है. देश के कुल तीस करोड़ टन इस्पात उत्पादन में सेल का हिस्सा पांच करोड़ टन का होगा.’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सेल के पास आज की स्थिति के अनुसार कुल तीन अरब टन से भी अधिक के लौह अयस्क के भंडार हैं जिसके चलते उसे लौह अयस्क की आपूर्ति को लेकर कोई चिंता करने की जरुरत नहीं है.
वर्मा ने कहा कि सेल की लौह अयस्क की खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में हैं और वहां से लौह अयस्क प्राप्ति में राज्य सरकारों का पूरा सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि लौह अयस्क की नई खदानों को लेकर सेल को अगले तीन दशक तक कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. वर्मा ने कहा कि दुनिया की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सेल ने बीते वर्ष भी इस्पात उत्पादन में अच्छी वृद्धि दर्ज की. जहां पूरी दुनिया में सिर्फ 1 2 प्रतिशत इस्पात उत्पादन वृद्धि दर्ज की गयी वहीं सेल ने 5 6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की. उन्होंने बताया कि सेल अपने इस्पात का मूल्य कम रखने के लिए अपने खर्चों में कटौती की योजना पर काम कर रहा है और अगले तीन वर्षों में वह खर्चे में कुल पांच हजार करोड़ रुपये की बचत करेगा.
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