20 साल में पहली बार भारत में मोबाईल फोन की बिक्री में कमी
भारत में पिछले 20 सालों में पहली बार मोबाइल फोन की बिक्री में कमी आयी है. वर्ष 2014 के अक्टूबर – दिसम्बर तिमाही की तुलना में 2015 जनवरी -मार्च की तिमाही में मोबाइल फोन के बिक्री में 14.5 प्रतिशत की कमी देखी गयी है. मोबाइल फोन के बिक्री में गिरावट से ये सवाल पैदा होने […]
भारत में पिछले 20 सालों में पहली बार मोबाइल फोन की बिक्री में कमी आयी है. वर्ष 2014 के अक्टूबर – दिसम्बर तिमाही की तुलना में 2015 जनवरी -मार्च की तिमाही में मोबाइल फोन के बिक्री में 14.5 प्रतिशत की कमी देखी गयी है. मोबाइल फोन के बिक्री में गिरावट से ये सवाल पैदा होने शुरू होने लगे है कि दुनिया के सबसे तेजी से उभरने वाले मोबाइल फोन मार्केट में मोबाइल फोन के बिक्री में गिरावट की क्या वजह हो सकती है ?
वर्ष 2014 के अंतिम तिमाही में 62 मिलीयन हेंडसेट बिके थे लेकिन इस साल के शुरू के तिमाही में यह घटकर 53 मिलीयन हो गयी. यह जानकारी एक कंसल्टेंसी साइबर मीडिया रिसर्च ने दी. साल 2014 में भारत एशिया -पैसेफिक में सबसे तेजी से उभरने वाला मोबाइल मार्केट था और यह संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे दुनिया के दूसरे बड़े बाजार का स्थान लेने वाला था. ई मार्केटर रिसर्च एजेंसी के अनुसार 2016 तक भारत में मोबाइल फोन के 204 मिलीयन यूजर्स होंगे.
फैसल कवोसा , मुख्य विश्लेषक , टेलिकॉम रिसर्च साइबर मीडिया के अनुसार यह रिपोर्ट आने वाले मोबाइल मार्केट के लिए उत्साहजनक नही है. उन्होंने बताया कि मोबाइल की बिक्री घटने के पीछे मुख्य वजह ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव और लम्बे समय तक चाइना में नये साल के त्यौहारों का माहौल है. यह त्योहारों का मौसम मध्य फरवरी तक चलता रहा जिसके वजह से सप्लाय-चेन में बाधा पहुंची.
हालांकि फैसल कवोसा के अनुसार भारत में इंटरनेट क्रांति हुई है. ऐसे में मोबाइल ब्रांडो को ऑनलाइन पर ज्यादा फोकस करना चाहिए. यह नये मोबाइल ब्रांडो ( जिओमी) जैसो के लिए सही है जो भारतीय मार्केट में कब्जा जमाना चाहते है. स्थापित ब्रांडो माइक्रोमैक्स और सैमसंग को अपने पहले से कायम मार्केट पर फोकस करना चाहिए .
भारत के स्मार्टफोन बाजार में सैमसंग का 27.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है. दूसरे स्थान पर माइक्रोमैक्स 16.2 प्रतिशत और तीसरे पायदान पर इंटेक्स 9.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
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