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बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में FDI के पक्ष में कभी नहीं रही BJP : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की मंजूरी के पक्ष में कभी नहीं रही और हाल में जारी अधिसूचना में सरकार की मौजूदा नीति को ही प्रकाशित किया गया है. जेटली ने साक्षात्कार में कहा ‘यह स्पष्ट हो जाना […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की मंजूरी के पक्ष में कभी नहीं रही और हाल में जारी अधिसूचना में सरकार की मौजूदा नीति को ही प्रकाशित किया गया है. जेटली ने साक्षात्कार में कहा ‘यह स्पष्ट हो जाना चाहिये डीआइपीपी (औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग) ने जो किया उसने वर्तमान नीति को ही प्रकाशित किया. संप्रग सरकार ने जो फैसला लिया था वह अब तक जारी है.

भाजपा इस फैसले के पक्ष में कभी नहीं रही. यह बात सबको पता है.’ जेटली से डीआइपीपी द्वारा जारी अधिसूचना के बारे में पूछा गया था. विभाग की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में कहा गया है कि बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआइ को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा ‘यदि कोई मुझसे पूछता है कि आपका क्या विचार है तो मेरा यही कहना होगा कि भाजपा इसके पक्ष में कभी नहीं रही.’

यह पूछने पर कि सरकार को इस फैसले को पलटने से कौन रोक रहा है, जवाब में उन्होंने कहा ‘सरकार के लिए भी कुछ छोड दीजिए.’ डीआइपीपी ने 12 मई को जारी अपनी एकीकृत एफडीआइ नीति पर जारी विज्ञप्ति में पिछली संप्रग सरकार के विदेशी कंपनियों के लिये 51 प्रतिशत स्वामित्व के साथ बहु-ब्रांड खुदरा दुकानें खोलने की मंजूरी को बरकरार रखा था.

पिछली सरकार ने हालांकि, बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआइ को मंजूरी देने के बाद ब्रिटेन की टेस्को के केवल एक निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. भाजपा के घोषणापत्र में कहा गया है ‘बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र को छोडकर उन सभी क्षेत्रों में एफडीआइ की अनुमति दी जाएगी जहां रोजगार और परिसंपत्ति के सृजन, बुनियादी ढांचा एवं विशिष्ट प्रौद्योगिकी अधिग्रहण और विशिष्ट विशेषज्ञता के मामले में इसकी आवश्यकता होगी.’

जेटली इस प्रश्न का भी सीधे उत्तर देने से बचे कि यदि कोई कंपनी बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआइ का प्रस्ताव सौंपती है तो सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी. उन्होंने कहा ‘जब आएगा तो देखेंगे.’ उन्होंने कहा ‘मेरा जवाब वही है जो मैंने कहा है कि डीआइपीपी के परिपत्र में मौजूदा नीति को ही पेश किया गया है. साथ ही यदि कोई मुझसे पूछता है कि आपका विचार क्या है तो मैं कहूंगा कि भाजपा इसके पक्ष में कभी नहीं थी.’

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