नयी दिल्ली : एक इंटरव्यू में मोदी सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने ऐलान किया कि केंद्र सरकार सड़क परियोजनाओं पर 3 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके निर्माण के लिए विभिन्न कंपनियों को ठेका दिया जायेगा. सरकार राजमार्ग निर्माण की गति बढ़ाकर प्रतिदिन 30 किलोमीटर सडक बनाने की दिशा में आगे बढना चाहती है. गडकरी ने कहा कि सरकार सडक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए 3 लाख करोड रुपये से अधिक राशि जुटाने की अनूठी वित्त पोषण योजनाओं पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल मई में सत्ता संभाली थी, उस समय सडक निर्माण की गति 2 किलोमीटर प्रतिदिन की थी. आज यह 12 किलोमीटर प्रतिदिन है जिसे मई के अंत तक 14 किलोमीटर प्रतिदिन तक किया जाएगा. गड़करी ने कहा कि दो साल में प्रतिदिन 30 किलोमीटर सडक बनाने का लक्ष्य है. गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन व विस्तार की योजनाओं के अलावा सरकार यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोडने के लिए 1,000 किलोमीटर की चार धाम यात्रा परियोजना शुरू करने की योजना बना रही है जिस पर अनुमानित 11,000 करोड रुपये की लागत आएगी.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दशहरा के दौरान परियोजना पर काम शुरू करेंगे. इसके अलावा गडकरी के मंत्रालय ने भारत माला नाम की एक नयी योजना के तहत 50,000 करोड रुपये की लागत से सभी सीमावर्ती व तटीय क्षेत्रों को 5,000 किलोमीटर की सडक से जोडने की योजना बनाई है. राजधानी में भीडभाड कम करने के लिए जल्द ही 6,000 करोड रुपये की पूर्वी बाइपास परियोजना पर काम शुरू किया जाएगा, जबकि दिल्ली मध्य में आइटीओ से उत्तर प्रदेश में डासना तक 16 लेन के राजमार्ग पर तीन महीने में काम शुरू किया जाएगा जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर यातायात जाम दूर करने में मदद मिलेगी.
इस परियोजना पर करीब 4,000-5,000 करोड रुपये की लागत आएगी. गडकरी ने कहा कि हैदराबाद से बेंगलूरु और अमृतसर से कटरा के बीच एक्सप्रेसवे बनाने की भी योजना है. उन्होंने कहा, ‘हम अगले छह महीने में पीपीपी, हाइब्रिड या इपीसी माडल के जरिए करीब 3 लाख करोड रुपये मूल्य की परियोजनाओं का ठेका देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जापान ने ढांचागत क्षेत्र में निवेश के लिए भारत को रियायती ब्याज दर पर 2 लाख करोड रुपये का ऋण देने की पेशकश की है और अंतिम ब्यौरे पर जल्द ही उनकी तोक्यो यात्रा के दौरान चर्चा की जाएगी.
इसके अलावा, अगले महीने की शुरुआत में वह शीर्ष बैंक प्रमुखों की एक बैठक बुलाएंगे जिसमें विदेशी निवेशकों एवं पेंशन व बीमा कोषों को ढांचागत परियोजनाओं में निवेश के लिए आकर्षित करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी. गडकरी ने कहा कि हमारा बजट (आबंटन) 42,000 करोड रुपये का है. हम 60,000 करोड रुपये मूल्य के करमुक्त बांड ला सकते हैं. इस तरह से हमारे पास 1,02,000 करोड रुपये है. हमारी कुल आय करीब 8,000 करोड रुपये है और यदि हम इसका 20 साल के लिए प्रतिभूतिकरण करते हैं और यदि यह हर साल डेढ प्रतिशत बढता रहता है तो हमें इससे डेढ लाख करोड रुपये प्राप्त हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हमने इपीसी माडल के तहत 5,000 किलोमीटर सडकें पूरी की हैं. इस क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआइ मंजूर है, लेकिन फिलहाल निवेश नहीं आ रहा है. यह 5,000 किलोमीटर करीब एक लाख करोड रुपये मूल्य का है. मैं अगले 15 दिनों में एक सम्मेलन बुलाउंगा जिसमें प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री सभी बैंकों के प्रमुख मौजूद रहेंगे.
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