पीएफ अंशदान में नियोक्ताओं को राहत की उम्मीद
नयी दिल्ली : श्रम मंत्रालय नियोक्ताओं को राहत प्रदान कर सकता है जिसमें इपीएफ योजना के तहत कामगारों के प्रति कंपनियों द्वारा किया जाने वाला योगदान अंशदायी वेतन का हिस्सा होगा जिसमें मकान किराया व यात्रा भत्ते को शामिल नहीं किया जाएगा. कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान (संशोधन) विधेयक, 2015 में पीएफ कटौती के […]
नयी दिल्ली : श्रम मंत्रालय नियोक्ताओं को राहत प्रदान कर सकता है जिसमें इपीएफ योजना के तहत कामगारों के प्रति कंपनियों द्वारा किया जाने वाला योगदान अंशदायी वेतन का हिस्सा होगा जिसमें मकान किराया व यात्रा भत्ते को शामिल नहीं किया जाएगा. कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान (संशोधन) विधेयक, 2015 में पीएफ कटौती के उद्देश्य से अंशदायी वेतन की अवधारणा को शामिल किया गया है.
इस विधेयक को शीघ्र ही मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा. श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विधेयक तैयार हो गया है. इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा ताकि इसे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जा सके.
श्रम मंत्रालय ने अंतिम मसौदा तैयार किया है. उल्लेखनीय है कि यूनियनें चाहती हैं कि नियोक्ताओं द्वारा 12 प्रतिशत पीएफ अंशदान कुल (टेकहोम) वेतन पर होना चाहिए लेकिन नियोक्ताओं ने इस विचार का विरोध करते हुए कहा है कि इससे पीएफ देनदारी बढेगी और कामगारों का वेतन घटेगा. अंतिम मसौदे में प्रस्ताव किया गया है कि नियोक्ताओं का पीएफ अंशदान अंशदायी वेतन का एक हिस्सा होगा जिसमें मकान किराया भत्ता व यात्रा भत्ता शामिल नहीं होगा.
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