नीतिगत दरों में कटौती के लिये रिजर्व बैंक के लिए यह समय उपयुक्त है : जेटली
नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी तथा औद्योगिक वृद्धि कमजोर होने के मद्देनजर रिजर्व बैंक के लिये यह नीतिगत दर में कटौती का उपयुक्त है. यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक के लिये नीतिगत दर में कटौती […]
नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी तथा औद्योगिक वृद्धि कमजोर होने के मद्देनजर रिजर्व बैंक के लिये यह नीतिगत दर में कटौती का उपयुक्त है. यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक के लिये नीतिगत दर में कटौती को लेकर यह उपयुक्त समय है, जेटली ने इसका सकारात्मक जवाब दिया.
सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने से ठीक पहले संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, मेरा विचार सबको पता है. यह उपयुक्त समय है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राजग सरकार का गठन पिछले साल 26 मई को हुआ था. रिजर्व बैंक 2 जून को मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है.
देश का केंद्रीय बैंक इस साल दो बार नीतिगत दर में कटौती कर चुका है लेकिन सात अप्रैल को चालू वित्त वर्ष की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में उसने नीतिगत दर पहले के स्तर पर बरकरार रखी गयी क्यों कि बेमौसम बारिश के कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की आशंका बढ गयी थी.
इस समय रिजर्व बैंक की अल्पकालिक उधार के लिए ब्याज दर (रेपो रेट) 7.5 प्रतिशत और बैंकों की जमा पर सीधा नियंत्रण या नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4 प्रतिशत है.