नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया :बीओआई: को 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में 56.14 करोड रुपये का घाटा हुआ है. डूबत ऋण के लिए उंचे प्रावधान की वजह से बैंक को घाटा हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक को 557.51 करोड रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में बैंक ने कहा है कि कुल ऋण पर उसकी सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) चौथी तिमाही में बढकर 5.39 प्रतिशत हो गईं, जो एक साल पहले इसी अवधि में 3.15 प्रतिशत थीं. मार्च तिमाही अंत तक बैंक का प्रावधान बढकर 2,255 करोड रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,547 करोड रुपये था.
तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय बढकर 12,286.98 करोड रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 11,274.09 करोड रुपये थी. पूरे वित्त वर्ष 2014-15 में बैंक का एकल शुद्ध लाभ 37 प्रतिशत घटकर 1,708.92 करोड रुपये रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने 2,729.27 करोड रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. वित्त वर्ष के दौरान बैंक की कुल आय बढकर 47,662.61 करोड रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 42,201.94 करोड रुपये थी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.