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राजन ने पीडीएमए पर कहा : ‘मैं इसके सरकार के पास जाने से खुश हूं’

श्रीनगर: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि लोक रिण का प्रबंधन रिजर्व बैंक के हाथों में रहे इसकी कोई वजह नहीं है और यदि रिण प्रबंधन का यह कार्य सरकार के हाथों में जाता है तो उन्हें खुशी होगी. राजन ने कहा, ‘‘.. मुङो इसका कोई कारण नहीं दिखाई देता कि […]

श्रीनगर: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि लोक रिण का प्रबंधन रिजर्व बैंक के हाथों में रहे इसकी कोई वजह नहीं है और यदि रिण प्रबंधन का यह कार्य सरकार के हाथों में जाता है तो उन्हें खुशी होगी.

राजन ने कहा, ‘‘.. मुङो इसका कोई कारण नहीं दिखाई देता कि रिजर्व बैंक लोक रिण प्रबंधन एजेंसी :पीडीएमए: का काम करता रहेउन्होंने मैं इसके सरकार के पास जाने को लेकर खुश हूंउन्होंने ’’ रिजर्व बैंक गवर्नर यहां कश्मीर विश्वविद्यालय के बिजनेस स्कूल के छात्रों के सवाल का जवाब दे रहे थे.
अलग पीडीएमए बनाने और सरकारी प्रतिभूतियों के नियमन का काम रिजर्व बैंक के दायरे से हटाकर उसे सेबी के नियंत्रण में लाने को लेकर उठे विवाद के बाद सरकार ने वित्त विधेयक से यह प्रस्ताव हटा दियाउन्होंने सरकार ने रिण प्रबंधन के काम को एक स्वतंत्र एजेंसी के तहत लाने के लिये कार्ययोजना तैयार करने का फैसला किया.
राजन ने कहा कि लोक रिण प्रबंधन एजेंसी बनाने के बारे में उनके और वित्त मंत्री अरण जेटली के बीच पूरी समझ है. उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री और मेरे बीच इस मुद्दे पर पूरी सहमति है .. समय के साथ पीडीएमए पूरी तरह आगे बढेगा और हम इसका पूरा समर्थन करेंगेउन्होंने ’’
सांविधिक तरलता अनुपात :एसएलआर: को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने के बारे में राजन ने कहा, इसे ऐतिहासिक रुप से रिजर्व बैंक ने स्थापित कियाउन्होंने उन्होंने कहा, ‘‘सरकार में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो यह कहेगा कि मैं एसएलआर को समाप्त करना चाहता हूं, क्योंकि सरकार में हर कोई जानता है कि यदि एसएलआर को शून्य अथवा एक प्रतिशत पर लाया जाता है तो सरकारी रिण को बेचना काफी मुश्किल काम है.’’
राजन ने कहा, ‘‘ इसलिये कोई भी इसे तुरंत नीचे नहीं लाना चाहता है. वह इसे सोच समझ कर कम करना चाहते हैं.’’एसएलआर इस समय 21.5 प्रतिशत पर है. बैंकों को अपनी कुल जमा का यह हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करना पडता है. जिससे सरकार जरुरी नकदी जुटाती है.
रिजर्व बैंक ने एनयूएलएम पर प्रगति रपट मांगी
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज बैंकों से कहा कि वे राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन :एनयूएलएम: के तहत किए गए काम की प्रगति रपट त्रैमासिक गाधार पर जमा कराएं.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा है कि एनयूएलएम के तहत लक्ष्यों की दिशा में प्रगति पर बेहतर निगरानी आदि के लिए यह फैसला किया गया है. इसके तहत बैंकों से कहा गया है कि वे तै्रमासिक आधार पर संचयी प्रगति रपट दाखिल करे.

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