नयी दिल्ली: मैगी विवाद पर सोमवार को सरकार भी सख्त हो गयी. सरकार ने चेताया कि यदि मैगी का प्रचार करने वाले विज्ञापन गुमराह करने वाले हुए, तो वह इस नूडल्स के ब्राड एंबेसडरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. मैगी की मौजूदा ब्रांड एंबेसडर बालीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित भी शामिल हैं.
इस बीच, सरकार ने मैगी नूडल्स में खाद्य उत्पाद सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए कहा कि वह सभी राज्यों में इन नूडल्स के नमूनों का परीक्षण कर रही है और किसी तरह के उल्लंघन के मामले में कड़ी कार्रवाई की जायेगी. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) विभिन्न राज्यों से इकट्ठा किये गये मैगी नूडल्स के नमूनों का परीक्षण कर रहा है. यह जांच उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं दवा प्रशासन द्वारा मैगी इंस्टैंट नूडल्स के नमूनों में मोनोसोडियम ग्ल्यूटामेट और सीसे की मात्र तय सीमा से अधिक पाये जाने के बाद की जा रही है. इनके नतीजे अगले दो-तीन दिन में मिलने की उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश के खाद्य नियामक खाद्य सुरक्षा एवं दवा प्रशासन राज्य में बाराबंकी की एक स्थानीय अदालत में नेस्ले इंडिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसके अलावा फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन व अभिनेत्रियों माधुरी दीक्षित व प्रीति जिंटा को भी टू मिनट्स नूडल्स ब्रांड का प्रचार करने के लिए अदालत में घसीटा गया है.
बोले बिग बी, सामान के विज्ञापनों को लेकर रहता हूं अधिक सावधान
मैगी नूडल्स का विज्ञापन करने की वजह से एफआइआर में अपना नाम आने के बाद मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने कहा कि वह किसी उत्पाद का विज्ञापन करते समय या किसी कंपनी का प्रचार करने में अतिरिक्त सतर्कता बरतते हैं. अभिनेत्री माधुरी दीक्षित से पहले मैगी नूडल्स के विज्ञानों में अमिताभ दिखा करते थे. बच्चन ने कहा कि उन्होंने खुद के बचाव के लिए अपने अनुबंध में विशेध प्रावधान जोड़वा रखा है. बच्चन ने कहा, मैंने नेस्ले से यह पूछा था कि क्या यह सही है और क्या वे इसके बारे में निश्चित हैं. मैंने अनुबंध में एक प्रावधान भी शामिल किया है जिसमें मैंने कहा कि मुङो उम्मीद है, यदि कुछ होता है, तो आप लोग मेरा बचाव करेंगे. मेरा अनुबंध पूरा हो चुका है और अब मैं मैगी के लिए विज्ञापन नहीं कर रहा हूं.
उधर, सरकार ने सोमवार को कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) कई राज्यों से इकट्ठा किये गये मैगी नूडल्स के कुछ और नमूनों का परीक्षण कर रहा है. यह जांच उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा व दवा प्रशासन द्वारा मैगी इंस्टैंट नूडल्स के नमूनों में मोनोसोडियम ग्ल्यूटामेट और सीसे की मात्र तय सीमा से अधिक पाये जाने के बाद की जा रही है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, इस मामले को एफएसएसएआइ देख रहा है, वही कार्रवाई करेगा. हमने एफएसएसएआइ को पहले ही पत्र लिख दिया है. उपभोक्ता मामले के विभाग को अब तक मैगी के मामले में किसी उपभोक्ता से कोई शिकायत नहीं मिली है.
रिपोर्ट दो-तीन दिनों में
सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का ब्योरा देते हुए उपभोक्ता मामलों के अतिरिक्त सचिव जी गुरुचरण ने कहा, सभी राज्यों से एफएसएसएआइ ने नमूना इकट्ठा किया है. परीक्षण किया जा रहा है. दो-तीन दिनों हमें पूरी रपट मिल जायेगी. अतिरिक्त सचिव ने कहा कि सभी मानकों के आधार पर इसका परीक्षण हो रहा है. उन्होंने कहा कि कोई उल्लंघन हुआ हो तो एफएसएसएआइ कार्रवाई करेगा. और उपभोक्ता मंत्रलय इस मामले में क्लास एक्सन का मुकदमा (उपभोक्ताओं के वर्ग विशेष की ओर से दवा) दायर कर सकता है.
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