जून 2015 तक 100 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय उपलब्धता का लक्ष्य : अरुण जेटली
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस महीने स्कूलों में शौचालयों की 100 प्रतिशत उपलब्धता चाहती है. ‘हमारा प्रारंभिक लक्ष्य यह है कि सभी स्कूलों, खासकर जहां लडकियां जाती हैं, में जून तक यानी कि इस महीने हमारे पास 100 प्रतिशत शौचालय की उपलब्धता […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस महीने स्कूलों में शौचालयों की 100 प्रतिशत उपलब्धता चाहती है. ‘हमारा प्रारंभिक लक्ष्य यह है कि सभी स्कूलों, खासकर जहां लडकियां जाती हैं, में जून तक यानी कि इस महीने हमारे पास 100 प्रतिशत शौचालय की उपलब्धता हो. फास्ट फूड श्रृंखला डोमिनोज पिज्जा की मालिक जुबिलैंट फूडवर्क्स द्वारा अपनाये गये स्वच्छ भारत कार्यक्रम में जेटली ने यहां कहा, ‘इसे सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) कार्यक्रम के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है. हमारी वित्तीय नीति में बहुत सी पहलों की घोषणा भी की गई है.’
उन्होंने स्वच्छ भारत को ‘एहतियाती स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम’ करार दिया. जेटली ने कहा, ‘धूल और अस्वच्छ वातावरण जो की वजह से होने वाली बीमारियों पर प्रति व्यक्ति खर्च काफी ज्यादा है. मानव के स्वास्थ्य जीवन गुणवत्ता पर इसके प्रभाव बहुत अधिक हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इसी वजह से प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए स्वतंत्रता दिवस को चुना.’ जेटली ने कहा कि अभियान को समूचे देश का समर्थन मिला है, क्योंकि ‘लोगों ने इसे अपने कार्यक्रम के रूप में स्वीकार किया है और अपनाया है.’
उन्होंने खेद जताया कि महात्मा गांधी द्वारा अपने बहु आयामी दर्शन में रेखांकित स्वच्छता के मूल्य को उचित महत्व नहीं मिल पाया. जेटली ने जोर देकर कहा, ‘परिणाम स्पष्ट हैं. केवल यही नहीं है कि आपका परिवेश गंदा है, केवल यही नहीं कि वातावरण गंदा है. जीवन गुणवत्ता पर इसके प्रभाव को समझना होगा.’
स्वच्छ भारत मिशन को अपनाने के लिए जुबिलैंट फूडवर्क्स का आह्वान करते हुए जेटली ने उम्मीद जताई कि अन्य कॉरपोरेट घराने भी इसका पालन करेंगे और अभियान को बडे स्तर पर आगे ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के लिए सहयोग और उत्साहवर्धन की जरुरत है. जेटली ने कहा कि स्वच्छ भारत पहल को स्कूली बच्चों, कॉलेज छात्रों, कॉरपोरेट घरानों, सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों ने व्यापक स्तर पर स्वीकार किया है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के संसाधन और श्रमशक्ति स्वच्छ भारत अभियान को एक बडा अभियान बना सकते हैं.
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