रिजर्व बैंक ने ब्याज दर बढ़ाकर किया हैरान, सेंसेक्स 383 अंक लुढ़का

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन द्वारा अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में उम्मीद के विपरीत नीतिगत ब्याज दरों में चौथाई फीसद बढ़ोतरी से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 383 अंक लुढ़क गया. यह सेंसेक्स में लगभग तीन सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट है. मुद्रास्फीति दबाव लगातार बने रहने के मद्देनजर रिजर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2013 11:32 AM

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन द्वारा अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में उम्मीद के विपरीत नीतिगत ब्याज दरों में चौथाई फीसद बढ़ोतरी से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 383 अंक लुढ़क गया. यह सेंसेक्स में लगभग तीन सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट है.

मुद्रास्फीति दबाव लगातार बने रहने के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने अपनी अल्पकालिक ब्याज दर 0.25 प्रतिशत बढा कर 7.25 प्रतिशत कर दी है साथ ही बैंकों के नकदी प्रवाह पर अंकुश के कुछ उपायों को थोड़ा ढीला किया है. उंची ब्याज दरों से ऋण महंगा होने की आशंका में रीयल्टी, बैंक तथा वाहन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई. सेंसेक्स की गिरावट में आईसीआईसीआई बैंक तथा एचडीएफसी बैंक ने 120 अंक का योगदान दिया.

एक समय 595 अंक तक नीचे जाने के बाद 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 382.93 अंक या 1.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20,263.71 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले 3 सितंबर को सेंसेक्स में 651 अंक का नुकसान दर्ज हुआ था. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा प्रोत्साहन कार्यक्रम जारी रखने के फैसले से कल सेंसेक्स 684 अंक के उछाल के साथ तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 103.45 अंक या 1.69 प्रतिशत के नुकसान से 6,012.10 अंक पर आ गया. एमसीएक्स-एसएक्स का एसएक्स 40 सूचकांक 205.69 अंक की गिरावट के साथ 12,026.41 अंक रह गया. रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में उम्मीद के विपरीत रेपो दर में बढ़ोतरी की है. इससे आवास तथा वाहन ऋण महंगा होने की आशंका है.

तरलता की स्थिति को नरम करने के लिए सीमांत स्थायी सुविधा की दर को घटाकर 10.25 प्रतिशत से 9.5 प्रतिशत किया गया है. इसी तरह प्रतिदिन के नकद आरक्षित अनुपात के न्यूनतम रखरखाव को भी घटाकर 95 फीसद किया गया है.

बोनान्जा पोर्टफोलियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, ‘‘महंगाई पर नियंत्रण तथा वृद्धि दर को रफ्तार देने के फैसले के बीच रेपो दर में बढ़ोतरी की गई है. यह निवेशकों के लिए नकारात्मक रुप से हैरान करने वाला है. ज्यादातर निवेशकों और विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि केंद्रीय बैंक यथास्थिति कायम रखेगा.’’ उद्योग मंडल सीआईआई ने कहा है कि वह ब्याज दरों में बढ़ोतरी से निराश है. क्योंकि कंपनियों पूंजी की उंची लागत तथा नकदी की सख्त स्थिति की वजह से पहले से दबाव में हैं.

चीन, हांगकांग, ताइवान तथा दक्षिण कोरिया के बाजारों में आज अवकाश था. जापान तथा सिंगापुर के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. यूरोपीय बाजार शुरआती कारोबार में उपर चल रहे थे.

सेंसेक्स के 30 शेयरों में 21 में गिरावट आई. आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 4.78 प्रतिशत लुढ़का, जबकि एलएंडटी में 4.63 प्रतिशत, सेसा गोवा में 3.93 प्रतिशत, हिंदुस्तान यूनिलीवर में 3.8 प्रतिशत तथा एचडीएफसी बैंक में 3.63 प्रतिशत की गिरावट आई. आईटीसी के शेयर में बदलाव नहीं हुआ. वहीं दूसरी ओर गेल इंडिया का शेयर 3.51 प्रतिशत चढ़ गया. सन फार्मा में 1.54 प्रतिशत, कोल इंडिया में 1.26 प्रतिशत तथा भेल में 1.12 प्रतिशत का लाभ दर्ज हुआ.

रिजर्व बैंक की मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें

रिजर्व बैंक ने अपनी मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में निम्नलिखित कदम उठाये हैं:-

– बैंकों के लिए अल्पकालिक ऋण दर (रेपो दर) 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत

-बैंकों को एमएसएफ के तहत ब्याज दर 0.75 प्रतिशत घटाकर 9.5 प्रतिशत की

– सीआरआर के तहत दैनिक न्यूनतम नकदी को 99 प्रतिशत से घटाकर 95 प्रतिशत किया

– नये आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन द्वारा घोषित पहली मौद्रिक नीति समीक्षा

– नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा

– मुद्रास्फीति चिंताजनक, संतोष की कोई गुंजाइश नहीं

– थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति साल के बाकी समय अनुमान से अधिक रहेगी

– आर्थिक वृद्धि दर क्षमता से कम है

– ढांचागत परियोजनाओं को पूरा करने की गति सुस्त, नयी परियोजनाओं पर काम की शुरुआत की गति धीमी

– अगली मौद्रिक नीति समीक्षा 29 अक्तूबर

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