नयी दिल्ली : सेवा क्षेत्र में मई माह में गिरावट दर्ज की गई. कंपनियों द्वारा दाम बढाने और आर्डर में सुस्ती आने से पिछले 13 माह में पहली बार इस क्षेत्र में गिरावट आई है. एचएसबीसी सर्वेक्षण में यह बात कही गई जिससे जमीनी स्तर पर वास्तविक आर्थिक वृद्धि को लेकर नयी चिंता पैदा हुई है. विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र का मिश्रित सूचकांक भी मई माह में सात महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गया.
यह आंकडा ऐसे समय आया है जबकि आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के बारे में विभिन्न क्षेत्रों से सवाल उठाये जा रहे हैं और कम बारिश के अनुमान से मुद्रास्फीति तथा अन्य वृहद आर्थिक मुद्दों के बारे में नयी आशंकाएं पैदा हो रही है. आरबीआइ गवर्नर ने भी कल कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के आंकडों में जिस तरह की वृद्धि का संकेत दिया जा रहा है उसके मुकाबले संभव है कि जमीनी स्तर पर वृद्धि कम हो.
सेवा कंपनियों की गतिविधियों में बदलाव का आकलन करने वाला एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक मई में गिरकर 49.6 पर आ गया जो अप्रैल में 52.4 पर था. निजी क्षेत्र में उत्पादन मूल्य बढना भी इसकी वजह रहा. सूचकांक का 50 से नीचे रहना संकुचन का संकेतक है और पिछले 13 महीने में पहली बार इस स्तर पर पहुंचा है.
एचएसबीसी ने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक दबाव और प्राकृतिक आपदा के कारण भी नये कारोबार प्रवाह में गिरावट हुई जो अप्रैल 2014 के बाद से पहली बार गिरा. मार्कित की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा ‘सीमित मांग और तपती गर्मी तथा भूकंप के कारण नये आर्डर कम हो रहे हैं. बावजूद, इसके इन कारकों के खत्म होने से इस क्षेत्र में आने वाले महीनों में तेजी आने की संभावना है.’
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