न्यूयार्क : अमेरिका सरकार ने एच1-ब वीजा नियमों के संभावित उल्लंघन के लिए भारत की दो सबसे बडी भारतीय आउटसोर्सिंग कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की है. यह बात मीडिया में आई खबरों में कही गई. न्यूयार्क टाइम्स ने कहा कि श्रम विभाग टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इन्फोसिस के खिलाफ अनुबंध के तहत विदेशी प्रौद्योगिकी कामगारों के लिए वीजा संबंधी नियमों के संभावित उल्लंघन के खिलाफ जांच शुरू की है.
उनके पास इलेक्ट्रिक कंपनी सदर्न कैलिफोर्निया एडिसन का अनुबंध था. रपट में कहा गया कि इलिनॉयस के सांसद रिचर्ड डर्बिन और अलाबामा के जेफ सेशंस ने कहा कि बिजली कंपनी ने हाल ही में 500 से अधिक प्रौद्योगिकी कर्मचारियों की छंटनी की और दावा किया गया कि इनमें से कइयों को अपने स्थानापन्न कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने पर मजबूर किया जो भारतीय कंपनियों द्वारा अस्थायी कार्य वीजा पर आए आव्रजक थे.
टीसीएस और इन्फोसिस ने कहा, वीजा नियमों का पूरी तरह से कर रहे हैं पालन
अमेरिका में वीजा नियमों के कथित उल्लंघन के लिए जांच का सामना कर रही भारतीय साफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) तथा इन्फोसिस ने आज कहा कि वे आव्रजन नियमों का पूरी तरह अनुपालन कर रही हैं. बेंगलूरु की इन्फोसिस ने कहा कि उसे अपनी वीजा गतिविधियों पर किसी तरह की व्यापक जांच का कोई संकेत नहीं मिला है. कंपनी का कहना है कि अमेरिका का श्रम विभाग (डीओएल) नियमित रूप से आइटी उद्योग से कुछ वीजा व श्रम शर्त आवेदनों को अतिरिक्त जांच के लिए चुनता है.
कंपनी ने इमेल से भेजे एक बयान में कहा है कि वह इस बारे में डीओएल का पूरा सहयोग कर रही है. देश की सबसे बडी साफ्टवेय सेवा कंपनी टीसीएस ने भी कमोबेश ऐसी ही राय रखी है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वह अमेरिकी आव्रजन कानूनों से जुडे सभी नियामकीय जरुरतों को पूरा करने के लिए कडे विभागीय नियंत्रण रखती है. अमेरिकी मीडिया रपटों के अनुसार श्रम विभाग ने संभावित उल्लंघन के लिए टीसीएस व इन्फोसिस के खिलाफ जांच शुरू की है.
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