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4 हजार रुपये में रिलायंस लांच करेगा 4G स्‍मार्टफोन, 4G सेवा दिसंबर से

मुंबई : रिलायंस इंडस्टरीज अपनी बहुप्रतीक्षित दूरसंचार सेवाओं का व्यावसायिक परिचालन दिसंबर में शुरू करेगी. कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज कहा कि इसके तहत 4,000 रुपये से भी कम कीमत वाले 4जी स्मार्टफोन की पेशकश की जाएगी और 300-500 रुपये के बीच के मासिक बिल पर यह सेवा हासिल की जा सकेगी. अंबानी […]

मुंबई : रिलायंस इंडस्टरीज अपनी बहुप्रतीक्षित दूरसंचार सेवाओं का व्यावसायिक परिचालन दिसंबर में शुरू करेगी. कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज कहा कि इसके तहत 4,000 रुपये से भी कम कीमत वाले 4जी स्मार्टफोन की पेशकश की जाएगी और 300-500 रुपये के बीच के मासिक बिल पर यह सेवा हासिल की जा सकेगी. अंबानी ने आज यहां कंपनी के शेयरधारकों की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए तेल रिफाइनिंग से खुदरा क्षेत्र के लिए रुपरेखा पेश करते हुए कहा कि रिलायंस इंडस्टरीज अपने मूल तेल एवं पेट्रोरसायन कारोबार के अलावा दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में अगले 12 से 18 माह के दौरान करीब दो लाख करोड रुपये की परियोजनाएं पूरी करेगी.

उन्होंने कहा कि कंपनी रिलायंस की योजना दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में जगह बनाने की है. समूह की दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो इन्फोकॉम ‘मित्र-गाहकों’ के साथ अपने नेटवर्क का परीक्षण कर रही है और वह दिसंबर तक इसका व्यावसायिक परिचालन शुरू करेगी. धीरुभाई अंबानी के रिलायंस साम्राज्य के बंटवारे के करीब एक दशक बाद अंबानी दूरसंचार कारोबार में फिर से उतर रहे हैं. बंटवारे के समय समूह का संचार कारोबार छोटे भाई अनिल अंबानी के पास चला गया था. रिलायंस दूरसंचार कारोबार के तहत वॉयस व द्रुत गति की डेटा सेवाओं मसलन एचडी टेलीविजन देखने की सेवा की पेशकश करेगी.

4000 रुपये में सभी सुविधाओं से लैस होगा 4G मोबाइल

देश में बढती डेटा व वॉयस मांग को देखते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि 4जी आधारित स्मार्टफोन दिसंबर तक 4,000 रुपये से कम कीमत में उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि कंपनी की योजना अपने दूरसंचार ग्राहकों को समाचार व मनोरंजन सेवाएं देने के लिए कई साफ्टवेयर एप्लिकेशंस पेश करने की भी योजना है. अपने एक घंटे से अधिक के संबोधन में अंबानी ने कहा, ‘हमारी योजना प्रत्येक नागरिक को कंप्यूटिंग, संचार और सूचना की वही शक्ति देने की है, जो अमेरिका के राष्ट्रपति के पास 10 से 15 साल पहले थी. ये सभी सुविधाएं सिर्फ 300 से 500 रुपये के मासिक खर्च पर उपलब्ध होंगी.

3 साल में 100 फीसदी नेशनल कवरेज का लक्ष्‍य

रिलायंस जियो इन्फोकाम ने तीन साल में शतप्रतिशत राष्ट्रीय कवरेज का लक्ष्य रखा है. रिलायंस जियो ने अखिल भारतीय केबल टेलीविजन मल्टी सिस्टम आपरेटर (एमएसओ) लाइसेंस के लिए आवेदन किया है और उसकी योजना प्रसारण टीवी वितरण में उतरने की है. इसके अलावा कंपनी ने भुगतान बैंक लाइसेंस के लिए भारतीय स्टेट बैंक के साथ भागीदारी की है. रिलायंस ने पांच साल पहले इन्फोटेल ब्रॉडबैंड सर्विसेज के राष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉडबैंड लाइसेंस हासिल करने के कुछ घंटे के भीतर ही उसका अधिग्रहण कर लिया था.

अंबानी ने कहा कि रिलायंस जियो लाइसेंस शर्तों के अनुसार अपनी परिचालन शुरू करने की प्रतिबद्धता से अधिक का वायरलेस कवरेज हासिल करने वाली पहली आपरेटर है.उन्होंने कहा, ‘इस बीटा कार्यक्रम को इस साल दिसंबर तक व्यावसायिक परिचालन में बदला जाएगा. मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जियो के लिए 2016-17 पूर्ण व्यावसायिक परिचालन का पहला साल होगा.’

पेट्रोरसायन के क्षेत्र में 12-18 महीने में 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश

रिलायंस इंडस्टरीज अपने पेट्रोलियम एवं पेट्रोरसायन के प्रमुख कारोबार में 12-18 माह के बीच दो लाख करोड रुपये से अधिक का निवेश करेगी. इन निवेश योजनाओं की बदौलत आरआइएल के पास वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी एक बेजोड पेट्रोरसायन और रिफाइनिंग कारोबार होगा. इसके साथ कंपनी के पास एक अत्यधिक वृद्धि की संभावना वाला नए दौर का उपभोक्ता केंद्रित कारोबार होगा जो भारत केंद्रित होगा.

अंबानी ने कहा ‘इससे रिलायंस विश्व की सर्वाधिक मूल्यवान कंपनियों के प्रतिष्ठित समूह में शामिल हो जाएगा.’ आरआइएल के पास विश्व में कच्चे तेल की सबसे बडी रिफाइनरी है. उन्होंने कहा कि रिलायंस नयी सुविधा और नये कारोबार तैयार करने के लिए दो लाख करोड रुपये से अधिक का निवेश कर रही है जिसका फल अगले 12-18 महीनों में दिखने लगेगा. उन्होंने कहा ह्यह्यइस निवेश से नई क्षमता विकसित की जाएगी, हमारी वैश्विक स्थिति मजबूत होगी, पूंजी पर मुनाफा बढेगा और हमारा मौजूदा रिफाइनरी और पेट्रोरसायन कारोबार विश्व में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी होगा.’

अंबानी ने कहा कि तेल-गैस का घरेलू उत्खनन एवं उत्पादन कारोबार ने शेयरधारकों को पूंजी लागत से मुकाबले कम मुनाफा दिया जो सडक, उर्वरक और बिजली जैसे अन्य घरेलू बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सुनिश्चित 12-16 प्रतिशत मुनाफे से कम रहा. उन्होंने कहा ‘यह रेखांकित करना महत्वपूर्ण है कि पांच-छह हजार अरब घन फुट के संसाधनों का दोहन अभी बाकी है जो विकास, आकलन और मंजूरी के विभिनन चरणों में हैं.’

उन्होंने कहा कि आरआइएल अपने लागत वसूली के अधिकार, गैस मूल्य निर्धारण और अन्य मामलों से जुडे मुद्दों को समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए सरकार के साथ रचनात्मक तौर पर बातचीत करती रही है. ये मुद्दे पिछली सरकार के समय के हैं. उन्होंने कहा ‘इस मामले में नेल्प नीति की मंशा, उद्देश्य और प्रतिबद्धता का अनुपालन महत्वपूर्ण है जिसका अर्थ है उत्खनन एवं उत्पादन गतिविधियां बढाना, जोखिम-पुरस्कार का ठीक संतुलन बनाना और विपणन एवं मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता देना. इससे निवेशकों को विश्वसनीयता और निश्चितता का अहसास होगा.

2015-16 में फिर से शुरू होंगे रिलायंस के पेट्रोल पंप

छह साल पहले आरआइएल ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले सब्सिडीशुदा ईंधन के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाने की स्थिति में अपने 1,400 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे. उन्होंने कहा, ‘हमने 2015-16 के अंत तक पेट्रोल पंपों का पूरा नेटवर्क फिर से चालू करना चाहते हैं. फिलहाल हम करीब 400 पंपों का परिचालन करते हैं.’ जामनगर रिफाइनरी में आरआइएल कोक गैसीफिकेशन सुविधा लगा रही है जो कम मूल्य वाले पेट्रोलियम कोक को रिफाइनरी परिसर के लिए स्वच्छ ऊर्जा स्रोत में तब्दील करेगी.

रिलायंस रिटेल इस साल इ-कामर्स क्षेत्र में तेजी से आगे बढने की तैयारी में है.कंपनी का इरादा फैशन और लाइफस्टाइल, ग्रॉसरी तथा बिजनेस टु बिजनेस (बी2बी) खंड में ऑनलाइन स्टोर शुरू करने का है. समूह की कंपनी रिलायंस जियो के इंटरनेट ढांचे पर कंपनी की निगाह है और वह भारत में एक अलग प्रकार का इ-कामर्स माडल पेश करना चाहती है. आधुनिक रिटेल में कंपनी अपनी मौजूदगी मौजूदा 200 से अगले साल तक 900 शहरों में करने की तैयारी कर रही है.

अंबानी ने कहा, ‘रिलायंस रिटेल इस साल अपने अगले चरण के विकास की तैयारी में है. ई-कामर्स के जरिये वह अपनी पहुंच अधिक क्षेत्रों तक करेगी.’ अंबानी ने कहा कि कंपनी की योजना ग्राहकों तक पहुंचने की है. आज के उपभोक्ता नयी प्रौद्योगिकी को अंगीकार कर रहे हैं और वे कहीं से किसी भी समय शॉपिंग करना चाहते हैं. अंबानी ने कहा, ‘जियो के आधुनिक इंटरनेट ढांचे तथा रिलायंस रिटेल की भौतिक रूप से मौजूदगी से हम देश में एक भिन्न प्रकार का ई-कामर्स माडल बना सकेंगे.’

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