शिमला : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने रविवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘‘संघर्ष की स्थिति’’ में है. शर्मा ने ओवरड्राफ्ट और केंद्रीय सरकार की वित्तीय स्थिति पर श्वेतपत्र जारी किए जाने की मांग की. शर्मा ने कहा कि राजग सरकार का यह दावा खोखला और गलत है कि अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है. वास्तव में अर्थव्यवस्था संघर्ष के चरण में है और विनिर्माण, सेवा क्षेत्र, कृषि और निर्यात जैसे उसके सभी मापदंडों में गिरावट का रुख दिखा है.
उन्होंने केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति और ओपरड्राफ्ट पर श्वेतपत्र की मांग की. शर्मा ने मोदी सरकार के एक वर्ष के शासन को ‘‘विश्वासघात, वादे तोडने और डींगे मारने का वर्ष’’ करार दिया और उन पर पूर्ववती संप्रग सरकार की योजनाओं का श्रेय लेने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जेएएम :जनधन, आधार और मोबाइल नम्बर: का श्रेय ले रही है लेकिन ये सभी योजनाओं की कल्पना और क्रियान्वयन संप्रग सरकार ने किया था. उन्होंने कहा कि तब भाजपा विपक्ष में थी और उसने इन नीतियों की आलोचना की थी और यहां तक कि आधार योजना को रद्द करने की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम की कीमतें जो करीब 125 डालर प्रति बैरल के आसपास थी, अब 55 से 66 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं लेकिन राजग सरकार ने इसका लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया और 62 हजार करोड रुपये अर्जित किए और उसने उत्पाद शुल्क तीन बार पुनरीक्षित किये हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमत में 25 रुपये प्रति लीटर की कमी होनी चाहिए.