नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने एक अप्रैल 2016 से देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने के लिये तैयारियों पर जोर देते हुये दो समितियां गठित की हैं. एक समिति कर की दरों पर सिफारिश देगी जबकि दूसरी समिति अप्रत्यक्ष करों की इस नयी व्यवस्था को लागू करने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी तैयारियों को देखेगी. वित्त मंत्रालय की यहां जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुये कहा गया है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार के नेतृत्व में गठित समिति जीएसटी के तहत संभावित कर दरों की सिफारिश करेगी जो कि केंद्र और राज्यों की वर्तमान राजस्व वसूली को ध्यान में रखते हुये होगी.’
विज्ञप्ति में कहा गया है, समिति अपनी सिफारिशें तैयार करते समय अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अनुमान, अनुपालन के विभिन्न स्तरों और जीएसटी के तहत कर आधार को व्यापक बनाने की संभावनाओं को ध्यान में रखेगी. इसमें कहा गया है, ‘समिति अर्थव्यवस्था पर जीएसटी के क्षेत्रवार और राज्यवार प्रभाव का भी विश्लेषण करेगी. समिति अपनी रिपोर्ट दो माह में देने की उम्मीद है.’
मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है राजस्व विभाग में अतिरिक्त सचिव और राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति के सदस्य सचिव की सह-अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी भी गठित की गई है. समिति में राजस्व विभाग, केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड, वस्तु एवं सेवाकर नेटवर्क और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे. समिति विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ हुये विचार विमर्श की प्रगति की भी निगरानी करेगी.
समितियों की घोषणा राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार संपन्न समिति के चेयरमैन के.एम. मणि द्वारा जीएसटी पर अधिकार प्राप्त समिति के विचारों को राज्य सभा की प्रवर समिति के समक्ष रखे जाने के एक दिन बाद की गई है. राज्य सभा की प्रवर समिति जीएसटी विधेयक की जांच परख कर रही है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी के डिजाइन के बारे में भी विभिन्न पहलुओं पर प्रगति चल रही है.
जीएसटी का व्यावसायिक कारोबारी ढांचा, भुगतान प्रणाली पर भी काम हो रहा है. इसके अलावा जीएसटी, राज्य जीएसटी और आइजीएसटी कानून नियमों के मॉडल भी तैयार किये जा रहे हैं. इसमें कहा गया है कि यह काम विभिन्न उप-समितियों के माध्यम से किया जा रहा है. इन उप-समितियों का गठन वित्त मंत्रियों की अधिकार संपन्न समिति ने किया है. इनमें भारत सरकार और राज्य सरकारों के सदस्य शामिल हैं. वस्तु एवं सेवाकर कर नेटवर्क भी जीएसटी को लागू करने के लिये आइटी ढांचा तैयार कर रहा है. आइटी नेटवर्क के जरिये ऑनलाइन पंजीकरण, रिटर्न फाइलिंग और रिफंड प्राप्ति की सुविधा होगी.
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