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शून्य ब्याज दर योजना पर रिजर्व बैंक ने लगायी रोक

मुंबई : रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड के जरियेटीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर, मोबाइल आदि खरीदने पर कंपनियों की तरफ से चलाई जा रही ‘जीरो पर्सेट इंट्रेस्टं’ स्कीमो पर बुधवार को रोक लगा दी.रिजर्व बैंक ने हालांकि, यह कदम उपभोक्ताओं के हित में उठाया है लेकिन इसका आगामी त्यौहारी मौसम के दौरान व्यावसायिक गतिविधियों पर […]

मुंबई : रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड के जरियेटीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर, मोबाइल आदि खरीदने पर कंपनियों की तरफ से चलाई जा रही ‘जीरो पर्सेट इंट्रेस्टं’ स्कीमो पर बुधवार को रोक लगा दी.रिजर्व बैंक ने हालांकि, यह कदम उपभोक्ताओं के हित में उठाया है लेकिन इसका आगामी त्यौहारी मौसम के दौरान व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. केंद्रीय बैंक ने बैंकों से यह भी कहा है कि डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा सकता.

बुधवार को रिजर्व बैंक ने इस बारे में विस्तृत अधिसूचना जारी कर सभी बैंकों को पालन का निर्देश दे दिया है. बैंकों को कहा गया है कि वे क्रेडिट कार्ड के जरिये खरीद पर ब्याज नहीं लेने की कंपनियों की स्कीमों को बंद करें. इन स्कीमों के तहत बेचे गए उत्पाद की राशि को समान मासिक किस्त (छह महीने, नौ महीने या एक वर्ष) में तब्दील कर दिया जाता है. कंपनियों का दावा होता है कि वे इस पर कोई ब्याज नहीं ले रही हैं. लेकिन आरबीआइ का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है. इसकी आड़ में कई बार ग्राहकों को चूना लगा दिया जाता है. मसलन, प्रोसेसिंग शुल्क लिया जाता है.रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है ‘‘ सैद्धांतिक तौर पर बैंकों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिये जिससे किसी उत्पाद की ब्याज दर गड़बड़ाती है. इससे मूल्य प्रणाली की पारदर्शिता दूषित होती है. किसी उत्पाद की खरीदारी में ग्राहक को सोचविचार कर निर्णय लेने में मूल्य महत्वपूर्ण होता है.’’ डेबिट कार्ड के मामले में रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिनमें डेबिट कार्ड के जरिये सामान और सेवाओं का भुगतान करने पर उपभोक्ताओं से शुल्क वसूल लिया जाता है.

अधिसूचना में कहा गया है ‘‘इस तरह का शुल्क वसूला जाना उचित नहीं है और यह बैंक और व्यावसायी के बीच हुये द्विपक्षीय समझौते के तहत भी मान्य नहीं है. ऐसा होने पर इस तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठान के साथ बैंक को रिश्ता तोड़ देना चाहिये.’’ इसमें कहा है कि इससे उत्पादों के उचित एवं पारदर्शी मूल्य के सिद्धांत को झटका लगता है और ग्राहक के अधिकार और सुरक्षा प्रभावित होती है.

केंद्रीय बैंक ने डेबिट कार्ड से भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने वाले दुकानदारों पर भी सख्ती बरतने का निर्देश बैंकों को दिया है. बैंकों से कहा गया है कि जिन दुकानों में ऐसा किया जाता है वे उनके साथ कारोबारी संपर्क नहीं रखें. इससे आम लोगों को काफी राहत मिलने की संभावना है क्योंकि कई बार उत्पाद के अधिकतम बिक्री मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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