भूमि विधेयक पर आम सहमति बनाने के लिए सरकार बुलायेगी संयुक्‍त सत्र : अरुण जेटली

स्टैनफोर्ड (अमेरिका) : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि यदि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक राज्य सभा में पारित नहीं होता है तो संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाएगा क्योंकि इसका पारित होना अगले चरण के आर्थिक सुधारों और भारत की आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है. जेटली ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2015 3:19 PM

स्टैनफोर्ड (अमेरिका) : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि यदि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक राज्य सभा में पारित नहीं होता है तो संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाएगा क्योंकि इसका पारित होना अगले चरण के आर्थिक सुधारों और भारत की आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है. जेटली ने कहा ‘मुझे उम्मीद है कि हमारे सामने वह नौबत नहीं आएगी और इससे (संयुक्त सत्र की आवश्यकता से) पहले ही इसे सुलझा लिया जाएगा.

जहां तक संवैधानिक व्यवस्था का सवाल है, तो मौजूदा सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल है. इसलिए हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि भारत में यह महत्वपूर्ण सुधार अवश्य ही हो.’ संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की समय सीमा के बारे में कोई टिप्पणी करने से बचते हुए जेटली ने विश्वास जताया कि भूमि विधेयक अपने नये स्वरुप में राज्य सभा में पारित हो जाएगा. राज्य सभा में फिलहाल सत्ताधारी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) और उसके सहयोगी दलों का बहुमत नहीं हैं.

जेटली ने स्टैनफोर्ड इंस्टीच्यूट फॉर इकानामिक पालिसी रिसर्च में अपने व्याख्यान में कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि भारत में यह महत्वपूर्ण सुधार हो.’ उन्होंने कहा ‘मेरे विचार से 2013 में जिस भूमि कानून को मंजूरी मिली थी, उससे ग्रामीण भारत के पूर्ण विकास में बाधा पैदा की है. भारत की लगभग 55 प्रतिशत आबादी गावों में रहती है.’

भूमि संशोधन विधेयक के बारे में वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘यह राजनीतिक तौर पर बेहद विवादास्पद हो गया है. यह फिलहाल संयुक्त समिति के पास है. यह बहस कैसे आगे बढेगी इस बारे में हम सशंकित हैं. लेकिन मुझे उम्मीद है कि संयुक्त समिति कुछ सहमति वाले समाधान लेकर आएगी अन्यथा यदि सहमति नहीं बन पाती है. दोनों सदन एक दूसरे से असहमत रहते हैं. तो दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में इसे रखा जाएगा.’

जेटली ने कहा कि सरकार सुधारों को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा ‘हमने पहला साल पूरा कर लिया है, कुछ महत्वपूर्ण लेकिन भारतीय पैमाने पर हल्का सुधार हुआ है.’ वित्त मंत्री ने कहा कि घर के अंदर की व्यवस्था ठीक रखने के लिए बुनियादी मानदंड तय कर लिए गए हैं.

उन्होंने कहा भारत की सुधारों की भूख बढी है. देरी भले हुई हो पर अंतत: कोई पहल रुकी नहीं है. उन्होंने कहा ‘इसे भारतीय राजनीति की परिपक्वता माना जा सकता है.’ जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्र खुल गये हैं. विदेशी निवेश को अब अतिरिक्त संसाधन के तौर पर देखा जाता है.

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