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सेबी ने प्रवर्तकों के पुनर्वर्गीकरण के नये नियमों को मंजूरी दी

मुंबई : बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों में संचालन को बढावा देने के लिए प्रवर्तकों के पुनर्वर्गीकरण संबंधी नये नियमों को आज मंजूरी दे दी. इसके तहत कंपनी से हट रहे प्रवर्तक को आम निवेशक बनने के लिए अपने नियंत्रण व सभी विशेष अधिकार छोडने होंगे तथा अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 10 प्रतिशत करना […]

मुंबई : बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों में संचालन को बढावा देने के लिए प्रवर्तकों के पुनर्वर्गीकरण संबंधी नये नियमों को आज मंजूरी दे दी. इसके तहत कंपनी से हट रहे प्रवर्तक को आम निवेशक बनने के लिए अपने नियंत्रण व सभी विशेष अधिकार छोडने होंगे तथा अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 10 प्रतिशत करना होगा. हालांकि, बोर्ड तथा शेयरधारकों की मंजूरी मिलने पर इस तरह का प्रवर्तक कंपनी के सीइओ या ऐसे ही अन्य वरिष्ठ पद पर तीन साल के लिए बना रह सकता है.

सेबी के चूक करने वाले प्रवर्तकों की नकेल कसने वाले संशोधित नियमनों से उन लोगों को मदद भी मिलेगी जो कि कंपनी में अपना निवेश बनाये रखते हुए दैनिक परिचालन से हटना चाहते हैं. सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रवर्तकों के पुनर्वर्गीकरण के लिए नये नियमों को मंजूरी दी गई है. नये नियमों के तहत निर्वतमान प्रवर्तकों के पास दस प्रतिशत से अधिक अंशधारिता नहीं हो सकती.

इसके साथ ही वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से या विशेष अधिकारों के जरिए कंपनी पर नियंत्रण नहीं रख सकते. इसके अलावा इस तरह का व्यक्ति केवल तीन साल के लिए ही कंपनी में प्रबंध निदेशक पद पर रह सकता है. इन नियमों के बाद निवर्तमान प्रवर्तक कंपनी पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी तरह का नियंत्रण नहीं रख पाएंगे.

उल्लेखनीय है कि सेबी ने प्रवर्तकों के पुनर्वर्गीकरण के बारे में मसौदा पत्र पिछले साल दिसंबर में जारी किया था. पुराने प्रवर्तक के स्थान पर नये प्रवर्तक के आने पर शेयरधारकों की मंजूरी से ही पुनर्वर्गीकरण की अनुमति होगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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