नयी दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आज कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2जी स्पेक्ट्रम पर रिपोर्ट से भारत की वृद्धि संभावना पर नकारात्मक असर पड़ा है.उन्होंने कहा कि इसको लेकर देश में चल रही ‘नुकसानदेह बहस’ से निवेशकों में एक भय की ऐसी स्थिति पैदा हो रही है. ऐसे में आर्थिक वृद्धि 4.4 से 5.5 फीसद तक ही रह सकती है.तिवारी ने कहा कि पिछले दो तीन साल में भारत ऐसे नुकसानदेह विमर्श का गवाह रहा है. पर वह मीडिया को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराते.
तिवारी ने कहा, ‘‘हमारे कुछ संस्थानों या खास कर इन संस्थानों की अगुवाई करने वाले लोगों ने ने जो कार्रवाई की है, यह इस बात को दर्शाती है कि जब ऐसा कोई व्यक्ति शरारत पर उतर आता है, तो इसका नुकसान संस्थानों को झेलना पड़ता है. इसका संभवत: भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की कहानी पर नकारात्मक असर पड़ा है. यहां मैं 2जी स्पेक्ट्रम पर कैग की रिपोर्ट का उल्लेख कर रहा हूं.’’ तिवारी ने कहा कि नवंबर, 2010 में कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
उसके तीन साल बाद दो नीलामियों से सरकार की झोली में 722 करोड़ रुपये आए. और करीब 8,650 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धताएं मिलीं, जो संभवत: अगले दस साल में वसूल होगी. मंत्री ने कहा कि परियोजनाओं की मंजूरी में देरी, पर्यावरण मंजूरी तथा अन्य कारण हैं जो वृद्धि को प्रभावित कर रहे हैं, लेकिन भारतीय रास्ता मुख्य रुप बहस के नुकसानदेह रुप से प्रभावित हो रहा है.
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