नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसियों मूडीज व फिच द्वारा अर्थव्यवस्था और कारोबार के माहौल पर चिंता जताये जाने के एक दिन बाद सरकार ने आज कहा कि भारत एक उम्मीद की किरण है और आने वाले वर्षों में वृद्धि के लिए उसने बेहद मजबूत वृहद आर्थिक आधार बना लिया है. वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि यूनान संकट के बाद पैदा होने वाली स्थिति से निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि हमने आगे चलकर वृद्धि के लिए बेहद सुदृढ वृहद आर्थिक आधार तैयार किया है. वृहद आर्थिक संकेतक बहुत अधिक ‘विषाक्त’ हैं.
उन्होंने यहां इंडिया प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन (आइवीसीए) के कार्यक्रम में कहा, ‘वैश्विक स्तर पर उतार-चढाव के बावजूद भारत एक उम्मीद की किरण है. हमने वृहद आर्थिक अस्थिरता को दूर किया है. हमने सुधारों की रुपरेखा को आगे बढाया है.’ मंत्री ने कहा कि सरकार अगले तीन-चार साल के दौरान तीन महत्वपूर्ण एजेंडा-बैंकिंग सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा वृहद आर्थिक स्थिरता को आगे बढाने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
उन्होंने कहा कि अब शेष तीन चार साल में हमारा ध्यान क्रियान्वयन के एजेंडा पर होगा. वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कल नीतिगत मोर्चे पर शिथिलता पर चिंता जताई थी. साथ ही एजेंसी ने नरेंद्र मोदी सरकार के तहत सुधारों की रफ्तार पर भी कुछ निराशा जताई थी. एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है. वित्त राज्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने मौद्रिक नीति पर रिजर्व बैंक के साथ ऐतिहासिक करार किया है.
उन्होंने कहा कि जहां तक हमारे क्रियान्वयन एजेंडा का सवाल है, उसमें वृहद आर्थिक स्थिरता काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक निवेश को बढाने के लिए काफी मेहनत कर रही है. सरकार ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए सकल बजटीय सहयोग उपलब्ध कराया है. सिन्हा ने कहा कि सरकार घरेलू पूंजी निवेश कोष को उल्लेखनीय प्रोत्साहन देगी.
उन्होंने कहा, ‘हम घरेलू वैकल्पिक निवेश कोष बनाएंगे. मेरा अपना मानना है कि यदि हमारे पास घरेलू वैकल्पिक निवेश कोष होगा, तब हमारे पास अधिक संख्या में भारतीय उत्पाद होंगे. इस मौके पर राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी के मुद्दों को सुलझाने के लिए अग्रसारी तरीके से काम कर रही है.
एआइएफ और पीइ मुद्दों का जिक्र करते हुए सचिव ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ऐसे मुद्दों जो बजट में नहीं आए हैं, पर सर्कुलर और दिशानिर्देश निकालना जारी रखेगी. दास ने कहा कि आज सरकार निर्णय प्रक्रिया में अग्रसारी तरीके से काम कर रही है. निर्णय तेजी से लिये जा रहे हैं. राजस्व सचिव ने कहा कि सीबीडीटी व केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीइसी) के बीच काफी सूचनाओं का आदान प्रदान हो रहा है.
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