नयी दिल्ली : देश में गरीबी दूर करने के लिए सालाना 8-10 फीसदी की उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरुरत पर बल देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि देश मौजूदा दर से अब संतुष्ट नहीं है. जेटली ने यहां डिजिटल इंडिया सप्ताह की शुरुआत के मौके पर कहा, ‘भारत अब 6 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर से संतुष्ट नहीं है. अब वह वृद्धि के अगले स्तर पर जाना चाहता और 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना चाहता है. हम तेजी से वृद्धि हासिल करना चाहते हैं क्योंकि हमारे समक्ष गरीबी उन्मूलन की बडी चुनौती है.’
वित्तीय समावेशी कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल में व्यापक क्षमता है. उन्होंने कहा कि पांच माह से भी कम अरसे में हम 16 करोड जनधन खाते खोलने में सफल रहे हैं. ’13 करोड लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण कुछ माह के समय में ही हासिल कर लिया गया.’ उन्होंने कहा कि पांच सप्ताह से भी कम समय में 11 करोड बीमा पालिसियां शुरू की गईं.
उन्होंने कहा कि यह अब सरकार का प्रयास होगा कि ‘डिजिटल इंडिया’ को भारत में जीवन और राजकाज के संचालन के साथ जोडा जाये. वित्त मंत्री ने कहा, ‘उन बदलावों को देखिये जो इसके जरिये दुनिया में आ रहे हैं. दुनिया के सबसे बडे रिटेलरों का आज अपना कोई रिटेल स्टोर नहीं है. दुनिया की सबसे बडी परिवहन कंपनियों का अपना कोई वाहन नहीं है. यह प्रौद्योगिकी की ताकत है.’
जेटली ने कहा कि अगले कुछ साल में हम देखेंगे कि ज्यादा से ज्यादा बैंकिंग इंटरनेट के जरिये हो रही है. ज्यादातर काम भुगतान गेटवे के जरिये हो रहा है, बैंक शाखाओं के जरिये नहीं. उन्होंने कहा कि चेक भी बीते समय की बात हो जाएगा. यह प्रौद्योगिकी की ताकत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा, मीडिया, न्याय देने की प्रणाली व स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी एक बडी भूमिका निभाएगी.
उन्होंने कहा कि इस पहल से भारत प्रौद्योगिकी के अधिकतम इस्तेमाल के जरिये सशक्त होगा. ‘मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यहां मौजूद दुनियाभर के उद्योग के नेता इस क्षेत्र में अरबों अरब डालर का निवेश करना चाहते हैं. नये रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और इससे संभवत: भारत एक नयी ऊंचाई पर पहुंचेगा. जेटली ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल से अमीर व गरीब के बीच की खाई पाटने में मदद मिलेगी.
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