Loading election data...

कोयला खनन में एकाधिकार खत्म होगा, 50,000 करोड़ से रोजगार और मुनाफा बढ़ाने की तैयारी

कोयला क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जिन प्रमुख उपायों की घोषणा की है, उसमें यह कहा गया है कि अब इस क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन शुरू किया जाएगा और इस पर से सरकार के एकाधिकार को समाप्त किया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2020 8:17 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त ढांचागत सुधार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य पर केंद्रित होगी. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पैकेज की चौथी किस्त कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित है. आठ क्षेत्रों में अहम कोयला क्षेत्र के वर्तमान स्वरूप को बदलने और इस क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए करीब 50,000 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है.

Also Read: Economic Package, Part 2 : प्रवासियों को फ्री अनाज और किसानों को ज्यादा लोन, जानिए वित्त मंत्री के आर्थिक पैकेज की अहम बातें

कोयला क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जिन प्रमुख उपायों की घोषणा की है, उसमें यह कहा गया है कि अब इस क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन शुरू किया जाएगा और इस पर से सरकार के एकाधिकार को समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रति टन शुल्क व्यवस्था की बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था की पेशकश की जाएगी. सरकार कोयला क्षेत्र में निधारित रुपये प्रति टन व्यवस्था की बजाय राजस्व साझकरण तंत्र द्वारा प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देगी.

उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. 50,000 करोड़ रुपये का निवेश कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा 2023-24 तक कोयले के उत्पादन को 1 बिलियन टन तक पहुंचाने और निजी ब्लॉकों द्वारा कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में उठाये गये कदमों में सचिवों के सशक्त समूह के माध्यम से निवेश के प्रस्तावों की शीघ्रता से जूरी की व्यवस्था भी शामिल है. उन्होंने कहा कि निवेशकों और केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय के लिए प्रत्येक मंत्रालय में परियोजना विकास सेल की स्थापना की गयी है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version