5 Years of GST : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के सिद्धांत के साथ लागू किया गया था. शुक्रवार (1 जुलाई 2022) को इस कानून के 5 साल पूरे हो गये. इस अवसर पर कांग्रेस और उसके वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इस कानून की खामियों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की.
यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस यह स्पष्ट करना चाहती है कि यह वो जीएसटी नहीं है, जिसे कांग्रेस नीत यूपीए सरकार लागू करना चाहती थी. यह जो जीएसटी है, वह त्रुटिपूर्ण, दोषपूर्ण और अस्थिर है. यह कानून इतना दोषपूर्ण है कि सरकार को सैकड़ों कार्यादेश जारी करने पड़े.
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उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जीएसटी कानून और इसके क्रियान्वयन के तरीके ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया. मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आग्रह भी किया कि जीएसटी कानून पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलायी जाये और संसद में भी इस पर चर्चा करायी जाये.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस इस जीएसटी को खारिज करती है और वह मौजूदा जीएसटी की जगह ‘जीएसटी 2.0’ को प्रतिस्थापित करने की दिशा में काम करेगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘आज जीएसटी अपना 5वां जन्मदिन मना रहा है. वास्तव में इसमें जश्न मनाने जैसा कुछ भी नहीं है. जीएसटी में कुछ जन्मजात त्रुटियां थी और पिछले पांच वर्षों में ये त्रुटियां बदतर हो गयी हैं. इसके कारण इसने अपने संपर्क क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों को गंभीर आघात पहुंचाया है.’
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया, ‘इसने वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करने वाले आम लोगों, जो ज्यादा टैक्स की मार झेल रहे हैं, उन्हें अपने बोझ तले दबा दिया.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह कानून इतना दोषपूर्ण है कि सरकार को सैकड़ों कार्यकारी दिशा-निर्देश जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. पिछले पांच साल में सरकार ने 869 अधिसूचनाएं, 143 परिपत्र और 38 आदेश जारी किये हैं. यह एक ऐसी जीएसटी है, जो त्रुटिपूर्ण और पूर्णतया अस्थायी है.’
उन्होंने दावा किया कि जीएसटी के संदर्भ में राज्यों के साथ विश्वासघात किया गया है. चिदंबरम ने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद निष्क्रिय है और राज्यों के वित्त मंत्री इससे नाखुश हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस पर (जीएसटी कानून पर) संसद में चर्चा करायी जाये और सर्वदलीय बैठक बुलाकर भी चर्चा की जाये. उन्होंने कहा, ‘इस जीएसटी पर पुनर्विचार हो, ताकि देश को एक सही जीएसटी मिल सके.’
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