नयी दिल्ली : सरकार ने देशभर में फैले 585 थोक बाजारों को मिलाकर एक ऑनलाइन राष्ट्रीय कृषि बाजार स्थापित करने के लिये तीन साल के वास्ते 200 करोड रुपये आवंटित किये हैं. इस पहल से किसानों को बेहतर मूल्य हासिल करने में मदद मिलेगी. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने कल कृषि-प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचा कोष के जरिए राष्ट्रीय कृषि बाजार संवर्द्धन की केंद्रीय क्षेत्र की योजना को मंजूरी दी. आधिकारिक बयान में कहा गया ‘2015-16 से लेकर 2017-18 तक की इस योजना के लिए 200 करोड रुपये का आवंटन किया गया है.’
कृषि विभाग देश भर में चुनिंदा नियमन के दायरे वाले बाजारों में स्थापित किये जाने योग्य एक साझा इलेक्ट्रानिक मंच तैयार करेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा ‘अब पूरे राज्य के लिए एक लाइसेंस होगा और एक बिंदु पर लगने वाला शुल्क होगा.’ मूल्य का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रानिक नीलामी होगी. इसका असर यह होगा कि पूरा राज्य एक बाजार बन जाएगा और अलग-अलग बिखरे हुए बाजार खत्म हो जाएंगे.’ योजना के दायरे में देशभर के 585 चुनिंदा नियमन वाले बाजारों को कवर किया जायेगा.
चालू वित्त वर्ष में इस योजना में 250 मंडियां आयेंगी, 2016-17 में 200 और 2017-18 तक 135 मंडियां शामिल की जाएंगी. जेटली ने कहा ‘इससे राज्य के भीतर कृषि जिंसों का बिना रुकावट के हस्तांतरण हो सकता है. किसानों के बाजार का आकार बढेगा क्योंकि ऐसे में वह अपने बाजार तक सीमित नहीं होगा.’ इस योजना के तहत 200 करोड रुपये के आवंटन में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि विभागों के लिए मुफ्त साफ्टवेयर मुहैया कराना और केंद्र द्वारा संबंधित हार्डवेयर- बुनियादी ढांचे की लागत पर 30 लाख रुपये प्रति मंडी (निजी मंडियों) के अलावा के आधार पर सब्सिडी प्रदान करना शामिल है.
कृषि सचिव सिराज हुसैन ने बताया कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, ओडिशा, झारखंड और गुजरात ने इन योजनाओं से जुडने पर सहमति जता दी है जबकि महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश भागीदारी के इच्छुक हैं. इसके अलावा केंद्र उत्तरप्रदेश के साथ भी चर्चा कर रहा है. राज्य और राष्ट्रीय स्तर के बाजारों को एकीकृत करने से किसानों को बेहतर कीमत मिलेगी, आपूर्ति श्रृंखला सुधरेगी, बर्बादी कम होगी और समान ई-मंच के प्रावधान के जरिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार तैयार होगा. बयान में कहा गया कि देश भर के 585 नियमित बाजारों को समान ई-मंच के साथ जोडा जाएगा ताकि किसानों और व्यापारियों को कृषि जिंसों की खरीद-बिक्री पर पारदर्शी तरीके से सबसे अच्छी कीमत हासिल करने का मौका मिले.
निजी बाजारों को भी ई-मंच से जुडने की अनुमति होगी जिससे उनकी पहुंच बढेगी. जेटली ने कहा ‘कृषि बाजार राज्य का विषय है. देश में कृषि उत्पादों की आवा-जाही पर बहुत से प्रतिबंध हैं. पूरे देश में 585 नियमित बाजार हैं. जो आज कृषि बाजार के कारोबार में हैं उनके लिए बाजार विशेष पर आधारित लाइसेंस हैं.’ योजना अखिल भारतीय स्तर पर लागू होगी.
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