नयी दिल्ली : कालाधन पर कानून अप्रैल, 2016 के बजाय इस साल एक जुलाई से लागू कर दिया गया है. विदेश में छिपाई गई आय एवं संपत्तियों का खुलासा करने में विफल रहने वालों के लिए इस कानून में सख्त जुर्माना एवं जेल की सजा का प्रावधान है. अघोषित विदेशी आय एवं आस्ति (कर अधिरोपण) विधेयक, 2015 को एक अप्रैल, 2016 से लागू किया जाना था. यह पूछे जाने पर कि क्या कालाधन पर कानून लागू हो गया है,
राजस्व विभाग के एक उच्च अधिकारी ने ‘हां’ में इसकी पुष्टि करते हुए कहा एक जुलाई से. वित्त मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया कि नये कालाधन कानून के प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए तिथियों के संबंध में दिक्कतें दूर करने के लिए बदलाव किये जा रहे हैं.
मंत्रालय ने आदेश में कहा कि कानून के प्रावधानों को आकलन वर्ष 2016-17 में लागू करने का इरादा था, लेकिन ऐसा करने के लिए कानून को चालू वित्त वर्ष में ही लागू करना होगा और कानून द्वारा प्रदत्त अधिकारों के मुताबिक आवश्यक बदलाव किये गये हैं. संसद ने इस साल मई में इस कालाधन पर विधेयक पारित किया. उल्लेखनीय है कि सरकार ने विदेशों में अघोषित धन व संपत्ति रखने वालों के लिए उसका ब्यौरा कर विभाग को 30 सितंबर तक देकर नियमों का अनुपालन करने का अवसर दिया है.
नये कानून के तहत इस तरह के धन पर कर एवं जुर्माने का भुगतान 31 दिसंबर तक किया जा सकता है और इसका अनुपालन कर व्यक्ति और इकाइयां अभियोजन से बच सकती हैं. वित्त मंत्रालय ने कल कहा था कि यह सुविधा एक बार के लिए है. इसका इस्तेमाल करने वालों को घोषित संपत्ति पर 30 प्रतिशत कर और इतनी ही दर से जुर्माना देना होगा.
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