नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय को आज विशेष लोक अभियोजक ने सूचित किया कि कोयला खदानों के आबंटन से संबंधित मुकदमों की बढती संख्या के मद्देनजर इनकी सुनवाई के लिये एक और सीबीआइ की विशेष अदालत की आवश्यकता है. न्यामयूर्ति मदन बी लोकूर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा ने कहा, ‘कोयला खदान आबंटन प्रकरण के मुकदमों के लिये एक और विशेष अदालत गठित की जा सकती है.’
कोयला कांड के मुकदमो की सुनवाई के लिये शीर्ष अदालत ने चीमा को विशेष अभियोजक नियुक्त किया था. चीमा ने न्यायालय को इन मुकदमों के विवरण से अवगत कराया और कहा कि इस समय 1993 से 2005 की अवधि के दौरान कोयला खदानों के आबंटन से संबंधित 12 प्राथमिकी हैं. उन्होंने कहा कि 2006 से 2009 की अवधि के दौरान हुये आबंटनों के सिलसिले में 32 मामले दर्ज किये गये हैं.
अभियोजक ने कहा कि सीबीआइ ने पांच मामलों को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की है और अदालत ने चार मामलों में रिपोर्ट अस्वीकार करते हुये आरोपियों पर मुकदमा चलाने का निर्णय किया है. शीर्ष अदालत ने कोयला खदानों के आबंटन मामले की जांच के दौरान सामने आये आदित्य बिडला समूह के कथित हवाला लेनदेन के मामले की जांच के बारे में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा.
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