मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज कहा कि ललित मोदी के वकील ने ईडी द्वारा पूर्व आईपीएल प्रमुख से तीन हफ्तों में उसके सामने पेश होने के लिए कहने वाला समन वापस करते हुए कहा है कि वह इसे लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
मोदी का प्रतिनिधित्व करने वाले मुंबई के अधिवक्ता महमूद एम आब्दी ने हालांकि कहा कि उन्हें इस तरह का कोई समन नहीं मिला है.उन्होंने इस संबंध में मीडिया में आई खबरों को बेबुनियाद और गुमराह करने वाला करार देते हुए कहा, मुझे इस तरह का कोई समन प्राप्त नहीं हुआ है.
आब्दी ने केंद्रीय एजेंसी के दावे को खारिज करते हुए कहा, ईडी के पास ललित मोदी का ब्रिटेन का पता है. उन्हें कानूनी प्रक्रिया के अनुसार (समन) उन्हें (ललित) देना चाहिए. आब्दी ने एक बयान में कहा, मीडिया के एक धड़े में प्रमुखता से दिखायी जा रही यह खबर कि ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत पूर्व आईपीएल चेयरमैन और आयुक्त ललित मोदी को जारी समन मुझे सौंपा गया है, बेबुनियाद और गुमराह करने वाली है.
केंद्रीय एजेंसी ने यहां दर्ज धन शोधन मामले में बीते शुक्रवार को ललित को समन जारी करते हुए ललित से तीन हफ्तों में उसके कार्यालय पर उपस्थित होने को कहा था.
ईडी के एक अधिकारी ने आज कहा कि उनके वकील ने यह लौटा दिया और कहा कि वह समन प्राप्त करने के लिए ललित मोदी द्वारा अधिकृत नहीं हैं.यह मामला वर्ष 2008 में वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप :डब्ल्यूएसजी: और मल्टी स्क्रीन मीडिया (एमएसएम) के बीच इंडियन प्रीमियर लीग के टेलीविजन अधिकारों के लिए हुए 425 करोड रुपये के समझौते से संबंधित है.
वर्ष 2008 में बीसीसीआई ने 91.8 करोड डालर में डब्ल्यूएसजी को दस साल के लिए मीडिया अधिकार दिये थे. डब्ल्यूएसजी ने एमएसएम से समझौता करके सोनी को आधिकारिक प्रसारक बनाया। एक साल बाद अनुबंध में बदलाव करके नौ साल का समझौता किया गया जिसमें एमएसएम ने 1.63 अरब डालर दिये.
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