औद्योगिक उत्पादन का आंकडा आने से पहले सेंसेक्स 88 अंक मजबूत
मुंबई : बंबई शेयर बाजार में आज उतार-चढाव भरे कारोबार में सेंसेक्स करीब 88 अंक मजबूत होकर 27,661.40 अंक पर बंद हुआ. औद्योगिक उत्पादन का आंकडा आने से पहले निवेशकों की लिवाली से बाजार में तेजी आयी. यूनान के ऋण संकट के समाधान की उम्मीद बढने तथा चीन के बाजार में सुधार से बाजार धारणा […]
मुंबई : बंबई शेयर बाजार में आज उतार-चढाव भरे कारोबार में सेंसेक्स करीब 88 अंक मजबूत होकर 27,661.40 अंक पर बंद हुआ. औद्योगिक उत्पादन का आंकडा आने से पहले निवेशकों की लिवाली से बाजार में तेजी आयी. यूनान के ऋण संकट के समाधान की उम्मीद बढने तथा चीन के बाजार में सुधार से बाजार धारणा को बल मिला. तीस शेयरों वाला सेंसेक्स तेजी के साथ खुला और एक समय 27,729.46 अंक तक चढ गया था.
बाद में मुनाफावसूली से सूचकांक लुढककर 27,530.90 अंक तक नीचे चला गया. हालांकि अंतिम समय में लिवाली के फिर तेज होने से सेंसेक्स 87.74 अंक या 0.32 प्रतिशत मजबूत होकर 27,661.40 अंक पर बंद हुआ. यूनान ऋण संकट, चीनी बाजार में गिरावट के कारण पिछले तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 635.10 अंक नीचे आ गया था. 50 शेयरों वाला नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 32 अंक या 0.38 प्रतिशत मजबूत होकर 8,360.55 अंक पर बंद हुआ.
कारोबार के दौरान यह 8,377.10 से 8,315.40 अंक के दायरे में रहा. साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स तथा निफ्टी में क्रमश: 431.39 अंक (1.53 प्रतिशत) तथा 124.35 (1.46 प्रतिशत) की गिरावट आयी. जिओजीत बीएनपी परिबा के सह-प्रमुख (तकनीकी शोध) आनंद जेम्स ने कहा, ‘यूनान मामले के समाधान की उम्मीद तथा चीनी शेयर बाजार में तेजी लौटने से एशियाई बाजारों को अच्छा संकेत मिला.
लेकिन भारतीय बाजार में निवेशक सतर्क दिखे क्योकि कारोबारियों की नजर कंपनियों के पहली तिमाही के वित्तीय नतीजों तथा आज शाम जारी किये जाने वाले आर्थिक आंकडों पर है. टीसीएस का पहली तिमाही का वित्तीय परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने से प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयर दबाव में रहे. लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में वेदांता, सन फार्मा, भेल, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्टरीज तथा एल एंड टी शामिल हैं.
सेंसेक्स के 30 शेयरों में 16 लाभ में जबकि 14 नुकसान में रहे. सर्वाधिक नुकसान में भारती एयरटेल रही. कंपनी का शेयर 3.34 प्रतिशत नीचे आया. क्षेत्रवार बैंक क्षेत्र 1.15 प्रतिशत मजबूत हुआ. उसके बाद क्रमश: स्वास्थ्य, पूंजीगत वस्तु, धातु एवं तेल तथा गैस क्षेत्र का स्थान रहा. वैश्विक स्तर पर एशिर्या के अन्य बाजारों में तेजी रही. यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में बढत देखी गयी.
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