भूमि विधेयक पर गतिरोध से ग्रामीण विकास पर पड रहा असर : नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली : संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से अपील करते हुये आज कहा कि वह किसानों की समृद्धि के रास्ते में नहीं आयें क्योंकि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर गतिरोध से ग्रामीण विकास गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है. नीति आयोग संचालन परिषद की दूसरी बैठक को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 4:51 PM

नयी दिल्ली : संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से अपील करते हुये आज कहा कि वह किसानों की समृद्धि के रास्ते में नहीं आयें क्योंकि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर गतिरोध से ग्रामीण विकास गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है. नीति आयोग संचालन परिषद की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबी समाप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर आगे बढना होगा.

इस बैठक का आयोजन भूमि अधिग्रहण विधेयक पर चर्चा के लिये किया गया था. कांग्रेस शासित नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया. बैठक में केवल 16 राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे. मोदी ने कहा, ‘भूमि अधिग्रहण कानून पर राजनीतिक गतिरोध से ग्रामीण विकास गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है जिसमें विद्यालय, अस्पताल, सडक और सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच बढे मुआवजे के भुगतान के संबंध में कोई मतभेद नहीं है. मोदी ने कहा ‘ऐसे किसी समाधान में जहां ग्रामीण क्षेत्रों का विकास और किसानों की समृद्धि की बात हो उसमें राजनीति को आडे नहीं आने देना चाहिये.’प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विधेयक संसद की स्थाई समिति के पास है और आगामी संसद सत्र से पहले यह उचित समझा गया कि एक बार फिर से राज्यों के सुझाव सुने जायें.

भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापना में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 यानी भूमि अधिग्रहण विधेयक की जांच परख संसद की 30 सदस्यीय संयुक्त समिति कर रही है. समिति इस महीने में अपनी रपट सौंपने वाली है. संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू होगा. नौ कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा जिन प्रमुख राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में नहीं भाग लिया उनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता, ओडिशा के नवीन पटनायक और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल हैं.

इस बैठक में राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद से कई राज्यों ने भूमि अधिग्रहण कानून के क्रियान्वयन के संबंध में कई राज्यों ने चिंताई जताई थी. उन्होंने कहा कि कई राज्यों का मानना है कि 2013 के अधिनियम के प्रावधानों के कारण विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं और कुछ मुख्यमंत्रियों ने अधिनियम में बदलाव का आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि ह्यटीम इंडियाह्ण के हिस्से के तौर पर सभी विकास पहलों में राज्यों को केंद्रबिंदु होना चाहिये. मोदी ने कहा ‘पिछला एक साल अच्छी शुरुआत रही, योजना प्रक्रिया को आगे बढाने में राज्य को साथ लिया गया. राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग के उप-समूहों का नेतृत्व करने के लिए आगे आए.’ मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा ही यह मानते रहे हैं कि केंद्र की विकास नीतियां राज्यों के साथ विचार विमर्श से बनाई जानी चाहिये.

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून पर तीन बार अध्यादेश लाया गया ताकि राज्यों की विकास की चिंता दूर हो और यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को उनका वाजिब हक मिले. बैठक में 16 मुख्यमंत्रियों के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली, ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र सिंह और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया उपस्थित थे.

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