शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में दूसरे दिन भी गिरावट, निफ्टी 8,353 पर
मुंबई : बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज फिर शुरुआती कारोबार में गिरावट के साथ खुला और समय के साथ-साथ गिरावट भी बढ रही है. सेंसेक्स अभी 50 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ 27,535 पर कारोबार कर रहा है. सप्ताह के पहले दिन सोमवार को ही सेंसेक्स 28000 के नीचे आ चुका था. […]
मुंबई : बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज फिर शुरुआती कारोबार में गिरावट के साथ खुला और समय के साथ-साथ गिरावट भी बढ रही है. सेंसेक्स अभी 50 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ 27,535 पर कारोबार कर रहा है. सप्ताह के पहले दिन सोमवार को ही सेंसेक्स 28000 के नीचे आ चुका था. सोमवार को सेंसेक्स में 500 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गयी थी. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 12 अंकों की गिरावट के साथ 8,353 अंक पर कारोबार कर रहा है.
मिडकैप और स्मॉलकैप में शेयर स्थिर बने हुए हैं. मिडकैप के शेयर 5 अंकों के नुकसान पर कारोबार कर रहा है. जबकि स्मॉलकैप के शेयर में तेजी देखने को मिल रही है. बंबई शेयर बाजार पर सोमवार भारी रहा. पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट) के लिए सख्त नियम बनने की चिंता एवं चीन के शेयर बाजारों में तेज गिरावट के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार 551 अंक टूटकर पांच सप्ताह से भी अधिक के निचले स्तर 27,561.38 अंक पर बंद हुआ.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसइ) का निफ्टी भी सोमवार को 161 अंक टूट गया. तीस शेयरों वाला सेंसेक्स कमजोर खुला और कारोबार के दौरान दिन के निचले स्तर 27,529.57 अंक पर आ गया. हालांकि, बाद में हल्का लिवाली समर्थन मिलने से यह 550.93 अंक नीचे रहकर 27,561.38 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले, सेंसेक्स 19 जून को इस स्तर के आसपास था. पिछले तीन कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 943.55 अंक टूट चुका है.
इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी चौतरफा बिकवाली का शिकार हुआ और 160.55 अंक नीचे 8,361.00 अंक पर बंद हुआ. शेयर ब्रोकरों ने कहा कि बाजार में इस बात की चिंता है कि सरकार, उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच टीम की सिफारिशें स्वीकार कर सकती है. इस टीम ने पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के लिए सख्त नियमों की सिफारिश की है.
हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस बयान का बाजार पर कोई सकारात्मक असर नहीं पडा जिसमें वित्त मंत्री ने कहा कि पी-नोट्स मामले में सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी. ब्रोकरों ने कहा कि अन्य एशियाई बाजारों में बिकवाली दबाव का भी घरेलू बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पडा. चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता इस गिरावट की प्रमुख वजह रही. चीन का शंघाई शेयर बाजार आठ प्रतिशत से अधिक टूट गया.
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