मेलबर्न : भारत के अडाणी कंपनी समूह की आस्ट्रेलिया में विवादास्पद वृहद कोयला खान परियोजना का पक्ष लेते हुए प्रधानमंत्री टोनी अबॉट ने कहा कि 16.5 अरब डालर की यह परियोजना ‘बेहद महत्वपूर्ण’ है और ऐसी विकास योजनाओं में अदालतों का इस्तेमाल कर अडंगा लगाना देश के लिए ‘खतरनाक’ है. उन्होंने कहा ‘यदि उच्चतम पर्यावरणीय मानकों को अपनाने का प्रयास कर रही परियोजनाओं को छिन्न भिन्न करने के लिए अदालतों को हथियार बनाया जा सकता है तो एक देश के तौर पर यह हमारे लिए यह सचमुच बडी समस्या है.’
अबॉट ने कहा ‘हम रोकने वालों का देश नहीं बनना है. हमें ऐसा देश बने रहना है जिसमें ऐसे लोगों को काम करने की आजादी हो जो कानून के मुताबिक काम करते हों.’ उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जबकि इसी सप्ताह अदालत ने अडाणी परियोजना को सरकार से मिली पर्यावरणीय मंजूरी रद्द कर दी. अडाणी समूह क्वींसलैंड प्रांत में विश्व की सबसे बडी कोयला परियोजना का विकास करना चाहता है. पर्यावरणवादी संगठन और स्थानीय निवासी इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं.
अबॉट ने कहा कि क्वींसलैंड कारमाइकेल की प्रस्तावित कोयला परियोजना को रद्द करने का अर्थ है महत्वपूर्ण योजनाओं में अडंगा लगाने के लिए अदालत का उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कल द आस्ट्रेलियन अखबार से कहा ‘एक देश के तौर पर हमें सैद्धांतिक तौर पर ऐसी परियोजनाओं का पक्ष लेना चाहिए.’ प्रधानमंत्री ने कहा ‘यह क्वींसलैंड के आर्थिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है और भारत के लाखों लोगों के लिए कल्याण के लिए बेहद जरुरी है.’
अबॉट ने कहा कि वह अदालत के फैसले से हताश हैं और कहा कि अडाणी जैसी परियोजनाओं इतनी महत्वपूर्ण हैं कि नौकरशाही की बाधा खडी नहीं होनी चाहिए.
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