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अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि से अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत मिलता है : अरविंद सुब्रह्मण्‍यम

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री ने आज कहा कि जुलाई तक चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 37 प्रतिशत की संतुलित वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित गति में सुधार हो रहा है. मुख्य आर्थिक सलाहकार, अरविंद सुब्रमण्यम ने यहां कहा, ‘इस संग्रह से संकेत […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री ने आज कहा कि जुलाई तक चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 37 प्रतिशत की संतुलित वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित गति में सुधार हो रहा है. मुख्य आर्थिक सलाहकार, अरविंद सुब्रमण्यम ने यहां कहा, ‘इस संग्रह से संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित गति से हर क्षेत्र में सुधार बरकरार है.’ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 37 प्रतिशत से अधिक बढकर 2.1 लाख करोड रुपये से अधिक हो गया.

ऐसा उत्पाद शुल्क संग्रह में बढोतरी के कारण हुआ. सुब्रमण्यम ने कहा, ‘पहले चार महीने के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि से सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में तेजी का संकेत मिलता है.’ उत्पाद शुल्क संग्रह के आंकडों में इजाफा डीजल तथा पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में बढोतरी, वाहनों के लिए छूट वापस लिए जाने और जून में सेवा कर बढने के मद्देनजर हुआ.

सुब्रमण्यम ने कहा, ‘इसमें सीमा शुल्क संग्रह के आंकडे भी शामिल हैं जिसे अप्रैल से जुलाई के बीच रुपये की विनिमय दर में छह प्रतिशत की गिरावट से भी मदद मिली.’ अप्रैल से जुलाई के दौरान उत्पाद शुल्क संग्रह 75.4 प्रतिशत बढकर 83,454 करोड रुपये हो गया जबकि सेवा कर राजस्व 20.1 प्रतिशत बढकर 60,925 करोड रुपये और सीमा शुल्क संग्रह 21 प्रतिशत बढकर 66,076 करोड रुपये हो गया.

अप्रैल-जुलाई में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 37 प्रतिशत बढकर 2.1 लाख करोड रुपये

चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रहण 37 प्रतिशत बढकर 2.1 लाख करोड रुपये पर पहुंच गया. मुख्य रूप से उत्पाद शुल्क संग्रह में बढोतरी से सकल अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह 1.53 लाख करोड रुपये रहा था. वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार जुलाई में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 39.1 प्रतिशत बढकर 56,739 करोड रुपये रहा.

जुलाई, 2014 में यह आंकडा 40,802 करोड रुपये रहा था. अप्रैल से जुलाई की अवधि में उत्पाद शुल्क संग्रह में जोरदार 75.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 83,454 करोड रुपये रहा. वहीं सेवा कर से राजस्व 20.1 प्रतिशत बढकर 60,925 करोड रुपये रहा. सीमा शुल्क संग्रह 21 प्रतिशत बढकर 66,076 करोड रुपये पर पहुंच गया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह 64.8 प्रतिशत बढकर 22,273 करोड रुपये रहा. सीमा शुल्क संग्रह 23.2 प्रतिशत बढकर 18,996 करोड रुपये व सेवा कर वसूली 30.3 प्रतिशत बढकर 15,470 करोड रुपये रही.

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