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UAE से PM नरेंद्र मोदी ने मांगा एक हजार अरब डालर का निवेश

मसदर (यूएइ) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएइ के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत में अभी एक हजार अरब डालर के निवेश की संभावनाएं हैं और सरकार इस देश के कारोबारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठायेगी और पिछले 34 वर्षों की कमी को दूर करेगी. प्रधानमंत्री ने […]

मसदर (यूएइ) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएइ के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत में अभी एक हजार अरब डालर के निवेश की संभावनाएं हैं और सरकार इस देश के कारोबारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठायेगी और पिछले 34 वर्षों की कमी को दूर करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को विरासत में कुछ समस्याएं मिली है और उनकी फौरी प्राथमिकता पूर्व सरकारों की ‘अनिर्णय’ और ‘सुस्ती’ के कारण बने ठहराव को खत्म कर उसे गति देना है. उन्होंने कहा, ‘मुझे विरासत में कुछ समस्याएं मिली हैं. मैं सिर्फ अच्छे बिन्दुओं को ग्रहण करके समस्याओं को अलग नहीं छोड सकता हूं. सरकारों के (पूर्व की) अनिर्णय और सुस्ती के कारण कई चीजों में ठहराव आ गया. मेरी प्राथमिकता उन चीजों को गति देने की है.’

मोदी ने मसदर शहर में यूएइ के शीर्ष कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए यह बातें कही. मोदी ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि यूएइ के कुछ निवेशक समस्याओं का सामना कर रहे हैं और वह उन्हें आश्वासन देना चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यूएइ के कुछ निवेशकों को पेश आ रही समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करने के लिए मैं वाणिज्य मंत्री को भेजूंगा.’ पिछले 34 वर्षों में यूएइ की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूएइ के निवेशकों के लिए भारत में आधारभूत संरचना, ऊर्जा और रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं.

उन्होंने यूएइ निवेशकों से आग्रह किया कि वे भारत में निवेश के लिए आगे आएं और मिलकर 21वीं सदी को एशिया की सदी बनायें. प्रधानमंत्री ने कहा कि आइएमएफ, विश्व बैंक और मूडी जैसी सभी प्रमुख वैश्विक संस्थाएं इस बात से सहमत हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढती अर्थव्यवस्था है और इसमें विकास की अपार क्षमताएं हैं. उन्होंने कहा, ‘एक ओर भारत तेज गति से विकास कर रहा है और दूसरी ओर विश्व एशिया की ओर देख रहा है. लेकिन यूएइ के बिना एशिया अधूरा है. मैं साफ तौर पर देख सकता हूं कि यूएइ को एशिया की मुख्यधारा के केंद्र में होना चाहिए. यूएइ की शक्ति और भारत की क्षमता मिलकर इसे एशिया की सदी बना सकते हैं.’

उधर, निवेशकों ने प्रधानमंत्री के सामने भारत में कारोबार की जटिल प्रक्रिया समेत अपनी समस्याएं रखते हुए कहा कि चीजों की मंजूरी के लिए एकल खिडकी व्यवस्था की जरुरत है. प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में कारोबारियों ने यह भी कहा कि इस बात की जरुरत है कि सरकार कारोबार के लिए उपयुक्त माहौल बनाने में निवेशकों का सामरिक साझीदार बने, जिनके निवेशों की सुरक्षा की सख्त जरुरत है. यह मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पश्चिम एशिया के निवेशकों सहित बडी संख्या में निवेशकों ने भारत में कराधान और अन्य नीतिगत समस्याओं का पूर्व में सामना किया है.

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