सरकारी बैंकों में पूंजी डालने से कमी की पूरी तरह भरपाई नहीं होगी : एसएंडपी
नयी दिल्ली : स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने आज कहा कि सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने की योजना से कुछ ‘राहत’ जरुर मिलेगी, लेकिन इससे उनकी ऋण कमी की पूरी तरह भरपाई नहीं हो पाएगी. एसएंडपी के ऋण विश्लेषक अमित पांडे ने कहा, ‘केंद्र सरकार की सरकारी बैंकों में पूंजी डालने […]
नयी दिल्ली : स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने आज कहा कि सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने की योजना से कुछ ‘राहत’ जरुर मिलेगी, लेकिन इससे उनकी ऋण कमी की पूरी तरह भरपाई नहीं हो पाएगी. एसएंडपी के ऋण विश्लेषक अमित पांडे ने कहा, ‘केंद्र सरकार की सरकारी बैंकों में पूंजी डालने की योजना सही समय पर आ रही है. लेकिन इससे पूरी तरह भरपाई नहीं हो पाएगी.’ एसएंडपी की रिपोर्ट ‘भारत में सरकारी बैंकों में पूंजी निवेश सिर्फ कुछ राहत’ में कहा गया है कि कुछ सरकारी बैंकों का एकल ऋण प्रोफाइल और रेटिंग्स संपत्ति की गुणवत्ता, पूंजी और आमदनी में किसी तरह की अन्य गिरावट को लेकर संवेदनशील है.
सरकार ने पिछले महीने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2018-19 तक 70,000 करोड रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की है. इसमें से 25,000 करोड रुपये की राशि चालू वित्त वर्ष में डाली जाएगी. इसके अलावा अगले चार साल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 1.10 लाख करोड रुपये पूंजी बाजार से जुटायेंगे.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.