लघु वित्त बैंक के लाइसेंस की घोषणा सितंबर में, मौजूदा बैंकों को कोई खतरा नहीं : रघुराम राजन
मुंबई : भुगतान बैंक के लिए 11 इकाइयों को मंजूरी प्रदान करने के बाद आरबीआइ ने आज कहा कि वह अगले महीने लघु वित्त बैंक के लिए लाइसेंस की घोषणा करेगा और इस आशंका को खारिज किया कि ये नयी इकाइयां मौजूदा बैंकों के लिए किसी तरह का खतरा हैं. आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने […]
मुंबई : भुगतान बैंक के लिए 11 इकाइयों को मंजूरी प्रदान करने के बाद आरबीआइ ने आज कहा कि वह अगले महीने लघु वित्त बैंक के लिए लाइसेंस की घोषणा करेगा और इस आशंका को खारिज किया कि ये नयी इकाइयां मौजूदा बैंकों के लिए किसी तरह का खतरा हैं. आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि नये भुगतान बैंक, मौजूदा बैंकों के लिए किसी तरह का प्रतिस्पर्धात्मक खतरा नहीं है और ये नयी इकाइयां व्यापक बैंकों के लिए फीडर का काम करेंगी. आरबीआइ को लघु वित्त बैंक के लाइसेंस के लिए 72 आवेदन मिले हैं और भुगतान बैंक के लाइसेंस के लिए 41 आवेदन. आरबीआइ ने कल इनमें से 11 इकाइयों को भुगतान बैंक के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की थी जिनमें रिलायंस इंडस्टरीज, आदित्य बिडला नुवो, टेक महिंद्रा, एयरटेल और वोडाफोन जैसे बडे नाम शामिल हैं.
लघु वित्त बैंक के लिए आवेदन करने वालों में डीएचएफएल, आइआइएफएल होल्डिंग्स, लुलु फॉरेक्स, एसकेएस माइक्रोफाइनांस, यूएइ एक्सचेंज और उज्जीवन फिनांशल शामिल हैं. राजन ने कहा कि आरबीआइ अगले महीने लघु वित्त बैंक के लिए लाइसेंस की घोषणा करेगा. लघु वित्त बैंक, मूल बैकिंग सेवाएं प्रदान कर सकते हैं मसलन जमा स्वीकार करना और जिन्हें ऋण नहीं मिलता जैसे, छोटे किसान, सूक्ष्म कारोबार उपक्रम, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग तथा असंगठित क्षेत्र की इकाइयां, उन्हें ऋण प्रदान करना. भुगतान बैंकों को भुगतान और रेमिटांस (धन हस्तांतरण) सेवा प्रदान करने की अनुमति होगी लेकिन वे क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते या एक लाख से अधिक जमा स्वीकार नहीं कर सकते.
वे एटीएम और डेबिट कार्ड जारी कर सकते हैं और म्यूचुअल फंड एवं बीमा उत्पाद का भी वितरण कर सकते हैं. राजन ने कहा कि भुगतान बैंक, बैंकिंग क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे और इसे ग्राहकों के लिए उत्साहजनक बनाएंगे और मौजूदा ऋणदाताओं को जमाकर्ताओं को अपने पास बनाये रखने के लिए सेवा में सुधार करना होगा. देश के सबसे बडे बैंक द्वारा आयोजित सम्मेलन में राजन ने एसबीआइ की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य के साथ बातचीत में कहा ‘मुझे कोई संदेह नहीं है कि बैंकिंग क्षेत्र बहुत प्रतिस्पर्धी हो जाएगा और हर तरह की सुविधाएं प्रदान करने वाले बडे बैंक उपभोक्ताओं को बनाये रखने के लिए पूरी सेवा प्रदान करेंगे.’
राजन ने कहा कि भुगतान बैंक शुरू होने से ग्राहकों में बैंकिंग को लेकर उत्साह बढेगा. भट्टाचार्य ने पूछा था कि क्या भुगतान बैंकों के कारण सामान्य बैंकों की चिंता बढ सकती है. भुगतान बैंक क्या मौजूदा बैंकों की कम लागत वाली जमा पूंजी में सेंध लगा सकते हैं क्योंकि भुगतान बैंकों को भी जमा राशि स्वीकारने का अधिकार होगा. राजन ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के लिये इसमें खतरा नहीं है और भुगतान बैंक मौजूदा बैंकों के लिए उनके सहायक का काम करेंगे. बैंक की शाखायें कई नयी गतिविधियों का केंद्र बन सकती है, नकदी लेन-देन में मदद कर सकती है या फिर कुछ बिल्कुल नया काम कर सकती है. उन्होंने कहा ‘सबके लिए बहुत गुंजाइश है, हर कोई सफल नहीं होता लेकिन यह एक क्रांति है जो हो सकती है.’
उन्होंने नचिकेत मोर को भुगतान बैंक के बारे में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि नये बैंकों को ‘मोर बैंक’ भी कहा जा सकता है. रिजर्व बैंक ने जिन्हें भुगतान बैंक शुरू करने के लिए चुना है उनमें रिलायंस इंडस्टरीज, एयरटेल, आदित्य बिडला समूह आदि शामिल हैं. उनके पास 18 महीने का समय है जिस दौरान वे अपनी योजना सौंप सकते हैं और अंतिम लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. राजन ने एसबीआइ कान्क्लेव में विभिन्न मुद्दों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार में तेजी आयी है और यदि मानसून में सुधार होता है तथा बुवाई अच्छी रहती है तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेजी का रुख बन सकता है.
उन्होंने चीन की अर्थव्यवस्था की वास्तविक ताकत पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि युआन का अवमूल्यन मौजूदा स्तर पर रहता है तो भारत को चिंता करने की जरुरत नहीं. बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए की समस्या के संबंध में राजन ने कहा कि रिण गारंटी न्यास के तहत मध्यम एवं लघु उपक्रमों के लिए दिया जाने वाले कर्ज में एनपीए का स्तर उच्च है. इसके अलावा सरकार समेत विभिन्न पक्षों से बिल का भुगतान न होने के कारण छोटी कंपनियों नकदी की समस्या से जूझ रही हैं. इस समारोह में भट्टाचार्य ने कहा कि मंझोली कार्पोरेट बैंकिंग खंड में दबाव कम हो रहा है.
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