मुंबई : रुपया आज के शुरुआती कारोबार में पिछले करीब दो सालों में पहली बार डालर के मुकाबले 66 पैसे टूटकर 66 रुपये के स्तर से नीचे चला गया. विदेशों में अमेरिकी मुद्रा के कमजोर होने के कारण पूंजी के निकास के बरकरार रहने के कारण ऐसा हुआ. अंतर बैंकीय विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया शुरुआती कारोबार में 66 पैसे लुढककर 66.49 रुपये प्रति डालर पर पहुंच गया. आयातकों और बैंकों द्वारा डालर की मजबूत मांग तथा घरेलू इक्विटी बाजारों में भारी नुकसान के कारण स्थानीय मुद्रा पर दबाव बढ गया.
फोरेक्स डीलरों ने यह जानकारी दी. वैश्विक आर्थिक मंदी की चिंताओं के बीच विदेशों में प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डालर के कमजोर पडने के बावजूद रुपये में गिरावट आयी. इस बीच, बीएसइ सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 1006.54 अंकों की टूट यानी 3.67 फीसदी की गिरावट के साथ यह 26,359.53 पर खुला. स्टाक और रुपये में भारी गिरावट के बीच, आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि कई अन्य देशों के मुकाबले देश बेहतर स्थिति में है.
राजन ने कहा, ‘मैं बाजारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैक्रोइकोनोमिक्स कारक नियंत्रण में हैं, देश के पास 380 अरब डालर का विदेशी मुद्रा भंडार है.’ बाजार में उथल-पुथल के गति पकडने के बीच राजन ने मुख्य दर में कटौती के संकेत दिये, कहा, ‘आरबीआइ अधिक समायोजन के रास्ते तलाशेगा.’ राजन ने कहा कि जिंसों की कीमतों में गिरावट और सरकार के दक्ष खाद्य प्रबंधन से आरबीआअइ को (दर में कटौती) मदद मिलनी चाहिए.
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