अलीगढ : ‘मैगी’ के बाद अब एक और लोकप्रिय नूडल्स ब्रांड ‘यिप्पी’ के निर्माताओं पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. उत्तर प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (एफडीए) यिप्पी नूडल्स में अनुमन्य सीमा से कहीं ज्यादा सीसा मिलाये जाने की बात कहते हुए मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में है. इस बीच ‘यिप्पी’ नूडल्स निर्माण कम्पनी आइटीसी का कहना है कि उसे इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है. उसका दावा है कि यह नूडल स्वास्थ्य के लिये पूरी तरह सुरक्षित है.
एफडीए के अलीगढ प्रभाग के प्रमुख चंदन पाण्डेय ने आज यहां ह्यभाषाह्ण को बताया कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने गत 21 जून को एक स्थानीय शॉपिंग मॉल से ‘यिप्पी’ नूडल्स के आठ नमूने लेकर लखनउ तथा मेरठ की प्रयोगशालाओं में जांच के लिये भेजे थे. उन्होंने बताया कि कल उन नूडल्स की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसके मुताबिक इस उत्पाद में सीसा की मात्रा जहां 1 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) से कम होनी चाहिये, वहीं 1.057 पीपीएम पायी गयी. सीसे की इतना मात्रा मानव शरीर, खासकर बच्चों के लिये बेहद खतरनाक है.
पाण्डेय ने बताया कि जांच रिपोर्ट को एफडीए के मुख्य आयुक्त के पास भेजकर उनसे इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिये अंतिम अनुमति मांगी गयी है. इस प्रक्रिया में कुछ हफ्ते लग सकते हैं. इस बीच, आइटीसी द्वारा जारी बयान के मुताबिक उसे इस बारे में प्रदेश सरकार से कोई शिकायत या कोई संवाद प्राप्त नहीं हुआ है. कम्पनी का कहना है कि उसने यिप्पी नूडल्स के 700 से ज्यादा नमूने देश-विदेश की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में जंचवाये हैं. इस दौरान उनमें या तो सीसा मिला ही नहीं अथवा अनुमान्य मात्रा से भी कम पाया गया. बयान में दावा किया गया है कि ‘यिप्पी’ नूडल्स स्वास्थ्य के लिये पूरी तरह सुरक्षित हैं.
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